चार कमरों में 370 बच्चे, सपना संस्कृति मॉडल स्कूल का
मदन श्योराण ढिगावा मंडी शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार के बड़े-बड़े दावे किए जा
मदन श्योराण, ढिगावा मंडी:
शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है। यहां तक कि बच्चों को बैठने के लिए सर पर छत भी मुहैया नहीं हो रही। पिछले तीन-चार साल से धूप-छांव, पेड़ पौधों और बरामदे में बैठकर पढ़ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय लोहारू की जहां पर 370 विद्यार्थियों के लिए महज चार कक्षा रूम ही हैं।
दर्जनभर कमरे तीन चार साल पहले नकारा घोषित कर तोड़ दिए थे। दो साल पहले करीब दो करोड़ रुपये कागजों में मंजूर तो हुए, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ और अब इसी स्कूल को संस्कृति मॉडल स्कूल भी बनाया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गठबंधन सरकार ने सभी हलकों में संस्कृति मॉडल स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। यानी सभी विधायकों को संस्कृति मॉडल स्कूल का तोहफा दिया गया है। इन स्कूलों में कॉन्वेंट स्कूलों की तरह सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। स्कूल का स्टाफ भी हाईटेक होगा। ये स्कूल ठीक उसी तर्ज पर होंगे, जैसे राज्य के कई जिलों में स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे हैं, लेकिन लोहारू के इस राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कक्षाओं के लिए चार कमरे ही हैं, बाकी कमरों में ऑफिस और लैब बनाई गई हैं।
इस बारे में प्रिसिपल करणसिंह श्योराण ने बताया कि विद्यालय में 370 विद्यार्थी हैं विद्यार्थियों को पेड़ पौधे और बरामदे में बैठाकर पढ़ाया जाता था। अब स्कूल को संस्कृति मॉडल स्कूल बनाया जा रहा है हालांकि नए भवन के लिए डेढ़ साल पहले करीब 2 करोड़ रुपए मंजूर हो चुके हैं। और इस बारे में युवाओं को कई बार सूचित भी किया जा चुका है। बेहतर करने का प्रयास: भूप सिंह
इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी भूपसिंह ने बताया कि उन्होंने इसी हफ्ते से चार्ज संभाला है, शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही इस भवन की सुध ली जाएगी।