पेंशन बहाली संघर्ष समिति मनाएगी आंबेडकर जयंती
जागरण संवाददाता चरखी दादरी पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के राज्य महासचिव ऋषि नैन
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के राज्य महासचिव ऋषि नैन ने कहा है कि 14 अप्रैल को पीबीएसएस जींद, सोनीपत और फरीदाबाद में आंबेडकर जयंती मनाएगी। इस अवसर पर इन जिलों की जिला कार्यकारिणी का भी पुनर्गठन किया जाएगा। नैन ने बताया कि डा. आंबेडकर ने संविधान बनाकर समाज को अपने हकों व अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद करने का अधिकार दिया है। जिसकी बदौलत ही पीबीएसएस लाखों कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रही है। संविधान में लिखा है कि किसी भी कल्याणकारी राज्य में उस राज्य के कर्मचारियों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। लेकिन अब सरकार ने इसके विपरीत कर्मचारियों को एनपीएस में धकेल उनका आर्थिक व सामाजिक शोषण किया है। एनपीएस के तहत सरकारी विभागों में वर्षो सेवा करने के बाद सेवानिवृत्ति पर 800 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक पेंशन बन रही है। यह मजाक नहीं तो क्या है। यह बुढ़ापा पेंशन से भी कम है। इनके अतिरिक्त प्रदेश आइटी सेल चीफ शिवकुमार शास्त्री ने कहा कि संविधान में केवल कर्मचारियों को पेंशन का अधिकार दिया था जबकि नेताओं ने कर्मचारियों की पेंशन छीन कर अपने लिए हर चुनाव जीतने पर अलग से पेंशन का विधान कर लिया। वह भी शपथ लेते ही पात्र हो जाते हैं। एक ओर आज सरकार सैन्य अधिकारियों की पेंशन में कटौती का प्रस्ताव ला रही है दूसरी ओर अर्धसैनिक बलों के लिए पेंशन ही नहीं है और न ही उन्हें शहीद का दर्जा मिलता है।
संघर्ष समिति सरकार से अपील करती है कि यदि वास्तव में सरकार डा. आंबेडकर के संविधान का अनुसरण करती है तो तुरंत प्रभाव से कर्मचारियों के संवैधानिक हक पुरानी पेंशन को लागू करे।