खराब फसलों की रिपोर्ट में गड़बड़ी के लगाए आरोप, नंबरदार, सरपंच तक के हस्ताक्षर फर्जी, जांच की मांग
संवाद सहयोगी बाढड़ा गांव काकड़ौली हट्ठी के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को जि
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : गांव काकड़ौली हट्ठी के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को जिला उपायुक्त प्रदीप गोदारा को मांग पत्र देकर कृषि विभाग व पीएम फसल बीमा योजना की अनुबंधित कंपनी द्वारा खरीफ सीजन 2020 की बेमौसमी बरसात व सफेद मक्खी से खराबे की भेंट चढ़ी कपास की फसल की सर्वे रिपोर्ट में धांधली बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रभावित किसानों को ढाई करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है। एसडीएम की जांच में सारी खामियां सामने आ चुकी हैं। उपायुक्त ने ग्रामीणों को सारे मामले की आगामी कार्यवाही के लिए जल्द कदम उठाने का भरोसा दिया। निवर्तमान सरपंच अजीत सिंह की अगुवाई में गठित कमेटी पदाधिकारियों ने उपायुक्त प्रदीप गोदारा को मांग पत्र देकर बताया कि केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना किसानों के हित के लिए संचालित की। लेकिन स्थानीय कर्मचारी कंपनी से मिलीभगत कर किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। पिछले खरीफ सीजन की कपास, बाजरे की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। जिस पर प्रदेश सरकार ने स्पेशल गिरदावरी भी करवाई। जिसमें गांव की फसलों के नुकसान को 75 फीसद दर्शाया गया तथा पीएम फसल बीमा कंपनी ने भी उनके साथ लगते आधा दर्जन गांवों को नुकसान श्रेणी में शामिल कर मुआवजा दिलवा दिया। लेकिन काकड़ौली के लगभग डेढ़ सौ किसानों को जानबूझ कर इस योजना से वंचित रखा गया है। नुकसान की बजाय साथ लगते गांवों के मुकाबले दस गुणा अधिक उत्पादन दिखाया गया है जो अनुचित है। इस मामले में एसडीएम शंभु राठी ने जांच की तो कंपनी व कृषि विभाग की मिलीभगत का मामला उजागर हुआ। इस मामले को लेकर पिछले दिनों 12 दिसंबर को किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी पहुंच कर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, कृषि मंत्री जेपी दलाल, सांसद धर्मबीर सिंह व भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सुखविद्र मांढी से मुलाकात की थी। हरियाणा कृषि कल्याण विभाग के महानिदेशक आइएएस हरदीप सिंह ने जिला प्रशासन को विशेष पत्र भेजकर सारे मामले की आगामी कार्यवाही के लिए ठोस कदम उठाने व प्रभावित किसानों की शिकायत का निपटारा करवाने का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट में सबके हस्ताक्षर फर्जी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सूबेदार सूरजभान, जागेराम, ठेकेदार जयबीर श्योराण, सतपाल सिंह, शक्ति पहलवान, सतबीर, होशियार सिंह, धनसिंह नंबरदार, नवीन श्योराण, दीपक सिंह इत्यादि किसानों ने बताया कि गांव में जिन किसानों के रकबे से क्राप कटिग दिखाई गई है उनके पास टीम के कर्मचारी ही नहीं पहुंचे। नंबरदार व सरपंच तक के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए हैं। एसडीएम शंभु राठी ने एक माह की जांच के बाद सरकारी विभागों व बीमा कंपनियों द्वारा नुकसान को अधिक दर्शाने के लिए चालीस किलोमीटर दूरी से फसलों का रकबा शामिल करने का भंडाफोड़ कर उपायुक्त व मंडल आयुक्त को भेजी रिपोर्ट में कृषि विभाग के कर्मचारियों को चार्जशीट करने, अनुबंधित कर्मचारियों की तुरंत प्रभाव से सेवाएं समाप्त करने व कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर सारे मामले की सीएम विजिलेंस से जांच करवाने की सिफारिश की। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और राज्य सरकार ने सारी जांच के लिए अलग से कमेटी बनाने की प्रक्रिया आरंभ की है।