जन अनुशासन पखवाड़े के तहत राजस्थान के सभी बॉर्डर किए सील
बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के चलते लोहारू से सटते राजस्थान के सभी बॉर्डर वहां की पुलिस ने सील कर दिए हैं।
संवाद सहयोगी, लोहारू : बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के चलते लोहारू से सटते राजस्थान के सभी बॉर्डर वहां की पुलिस ने सील कर दिए हैं। मेरठ-राजगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 709ई पर पिपली चौकी के सामने तथा लोहारू-सूरजगढ़ हाइवे पर पिलोद में पुलिस ने नाके लगा दिए हैं। अब बिना परिमशन या उचित कारण के अन्य प्रदेशों से किसी भी व्यक्ति को राजस्थान में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
दैनिक जागरण ने मंगलवार को राजस्थान बॉर्डर सील की खबरों की हकीकत की पड़ताल की। सबसे पहले लोहारू-सूरजगढ़ हाइवे पर राजस्थान के पहले गांव पिलोद में जायजा लिया गया। यहां पर भारी पुलिस बल, प्रशासन की ओर से हलके के पटवारी तथा स्वास्थ्य विभाग के एक डाक्टर के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों की पूरी टीम मुस्तैद थी। फोरलेन के इस हाइवे को दोनों ओर से नाकेबंदी करके बंद किया हुआ था। यहां पर मौजूद सूरजगढ़ थाने के प्रभारी धर्मेद मीणा तथा पटवारी प्रदीप कुमार यादव वे पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए राजस्थान सरकार 25 अप्रैल से 3 मई तक जन अनुशासन पखवाड़ा मना रही है। इसके तहत लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। ज्यादा संवेदनशील स्थलों पर कर्फ्यू लगाए हुए हैं। इसी कड़ी में आगामी आदेशों तक हरियाणा की इन सीमाओं को सील किया गया है। दिन रात पुलिस व प्रशासन के अधिकारी इन बॉर्डर पर 8-8 घंटों की शिफ्ट में ड्यूटी देंगे।
उन्होंने बताया कि हरियाणा की ओर से आने वाले वाहनों व लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। हरियाणा या राजस्थान प्रशासन के परमिशन के साथ ही प्रवेश होने दिया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी के दस्तावेज दिखाने या शादी-विवाह के दस्तावेज दिखाने पर छूट दे दी जाती है। अन्य प्रदेशों से राजस्थान में प्रवेश करने वाले यहां के मजदूरों को भी छूट दी गई है। इसके लिए मौके पर ही टीम मजदूरों का डाटा ऑनलाइन करती है जो उसके गंतव्य तहसील अधिकारियों तक पहुंच जाता है। वहां जाते ही उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाता है। इन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जायज कारण पर किसी को परेशान किया जाता नहीं, और अनावश्यक को राजस्थान में प्रवेश होने दिया जाता नहीं। मौके पर डा. रचना के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम यहां से गुजरने वाले वाहनों में सवार लोगों की थर्मल स्कैनिग व तीन दिन पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट चेक कर रही थी।
इस नाके के बाद मेरठ-राजगढ़ के राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 709ई पर राजस्थान के पहले गांव पिपली की पुलिस चौकी का जायजा लिया गया। यहां पर भी नाकेबंदी करके रोड को सील किया हुआ था। दोनों ओर आने-जाने वाले वाहनों की लाइन लगी थी। दोपहरी के चढ़े पारे के बीच यहां पुलिस और वाहन चालकों में खासी गर्मागरमी देखी गई। वाहनचालक अपने जायज कारण बताकर राजस्थान में जाने की जिद कर रहे थे तो पुलिस उन्हें हड़का रही थी। इतने में ही परेशान एक युवक ने अपने मोबाइल से इस घटना की रिकॉर्डिग करनी शुरू कर दी। इसका पता चलते ही एक हवलदार ने उसका मोबाइल छीन लिया। हवलदार भी अपनी मजबूरी बताते हुए वाहन चालकों को कह रहा था कि वह क्या करे, उन्हें तो ऊपर से बॉर्डर सील के ऑर्डर मिले हैं। वे किसी भी हालत में हरियाणा की ओर से किसी भी वाहन को इस नाके से राजस्थान में प्रवेश नहीं करने देंगे।
हरियाणा की सीमाओं पर हालांकि इतनी सख्ताई नहीं थी। लेकिन फिर भी सूरजगढ़ रोड पर एएसआई संदीप के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अंतिम गांव रहिमपुर में नाकाबंदी कर रखी थी। पिलानी रोड पर भी गोशाला के पास पुलिस बैठी हुई थी।
इस बारे में थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है, लेकिन सीमाओं पर किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा। लोग कोरोना संबंधी जरूरी हिदायतों की पालना करते हुए निर्भीक होकर अपने दैनिक कामकाज निपटा सकते हैं।