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रंजिशन गौरव पट्ट पर नाम नही लिख रही पंचायत

संवाद सूत्र जुई चंदाबास निवासी रणवीर सिंह ने गांव की पंचायत पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए क

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 04:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:13 AM (IST)
रंजिशन गौरव पट्ट पर नाम नही लिख रही पंचायत
रंजिशन गौरव पट्ट पर नाम नही लिख रही पंचायत

संवाद सूत्र, जुई: चंदाबास निवासी रणवीर सिंह ने गांव की पंचायत पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा कि उनके गांव के गौरवपट्ट पर गांव के सबसे पहले सूबेदार, पहले सरपंच रामजी लाल का नाम नहीं लिखा। जबकि दूसरे लोगो के नाम दर्ज किए हुए हैं। इस बारे में गांव के सरपंच से कई बार आग्रह किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सूबेदार रामजीलाल के पुत्र रणबीर सिंह ने बताया की उनके पिताजी सन 1930-32 में बर्मा के साथ लड़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते सेना मेडल से नवाजे गए थे। 1942 को वायसराय गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया ने उनकी बहादुरी और सेवा निष्ठा को देखते हुए कमीशन ऑफिसर के पद से नवाजा था। यह सम्मान पाने वाले ब्रिटिश इंडियन आर्मी के इस एरिया के पहले सूबेदार थे। 1972 में जिला बनने के बाद जिला सैनिक बोर्ड के गठन में सूबेदार रामजी लाल को बोर्ड सदस्य मनोनीत किया था। उस समय तत्कालीन जिलाधीश रामसहाय वर्मा का मार्गदर्शन करते हुए भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के पद मेरिट के आधार पर भरने का सुझाव भी इन्होंने दिया था, जो आज तक चलता आ रहा है। आजादी के बाद केरू गांव के साथ बारह बास की इकट्ठी पंचायत के पहले सदस्य चुने थे। इसके अलावा गांव के पहले सरपंच चुने गए थे। गांव के पहले बीडीसी मेंबर भी रामजीलाल को ही चुना था। सामाजिक कार्य करते हुए उन्होंने गांव में पीने के पानी का कुआं निर्माण, गांव में प्राइमरी स्कूल की स्थापना में योगदान और उसको हाई स्कूल अपग्रेड कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गांव के अंदर मंदिर की स्थापना और मेला का आयोजन करवाने में भी उन्होंने अपना बेहतर योगदान दिया था। सरपंच रहते हुए उन्होंने गांव चंदावास और झुंडावास की चकबंदी को शांतिपूर्ण कराने में अपनी भूमिका निभाई थी। उस समय कैरू से जुई तक जो सड़क निर्माण हुआ था, उसमें किसानों की जो जमीन कटी थी उसका मुआवजा दिलाने में भी उन्होंने अगुआई की थी। इतना सब कुछ होने के बावजूद सूबेदार रामजी लाल का गांव के गौरव पट्ट पर नाम नहीं होना अपने आप में पंचायत की रंजिश को दर्शाता है। इस बारे में उनके पुत्र रणवीर सिंह ने सीएम विडो, डीसी ऑफिस, खंड पंचायत विकास अधिकारी के समक्ष आपत्ति में शिकायत दर्ज कराई। उन पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन ने गांव की पंचायत को गौरव पट्ट पर सूबेदार रामजी लाल का नाम अंकित करवाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं, लेकिन उसके बाद भी पंचायत इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है । रामजी लाल के पुत्र रणवीर सिंह ने मामले को लेकर न्यायालय की शरण लेने की बात कही है।

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चंदावास के सरपंच सतबीर सिंह से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले में ग्राम सभा की बैठक हो चुकी है। उस बैठक में सूबेदार रामजी लाल के परिवार से कोई नहीं आया। बावजूद उसके हमने प्रशासन को गौरव पट्ट पर नाम लिखने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया है। प्रशासन जब चाहे गौरव पट्ट पर उनका नाम अंकित कर सकता है। पंचायत को इसमें कोई एतराज नहीं है।


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