एक साल में इलाज के आभाव में 991 नंदी तोड़ चुके दम
अशोक ढिकाव भिवानी हालुवास गेट पर बनाई गई नंदीशाला में पशु बेमौत मारे जा रहे हैं। एक
अशोक ढिकाव, भिवानी
हालुवास गेट पर बनाई गई नंदीशाला में पशु बेमौत मारे जा रहे हैं। एक साल के दौरान नगर परिषद के खुद के रिकार्ड के हिसाब से 991 गोवंश बीमारी, भूख या इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। हालांकि जब नंदीशाला बनकर तैयार हुई थी तो नंदियों के लिए इलाज व चारा मिलने की आस जगी थी, लेकिन हुआ इसके विपरित। इसे लेकर अब गोरक्षक फिर से इस मामले को सरकार के सामने उठा रहे हैं। नंदीशाला व सड़क पर घूम रहे बेसहारा नंदियों के इलाज को लेकर नगर परिषद व पशुपालन विभाग के बीच पेंच उलझ रहा है। नप ने इलाज का जिम्मा पशुपालन विभाग का होने की बात कहकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं जिसके बाद उपायुक्त ने दोनों विभागों के अधिकारी बुलाकर जवाब मांगा है। भिवानी के हालुवास गेट मुक्तिधाम के पास नगर परिषद की ओर से बेसहारा नंदियों के लिए नंदीशाला बनाई थी। एक साल पहले ही बनी नंदीशाला में पशुओं की देखभाल से लेकर पशुचारे तक की किल्लत है। शहर के दानवीरों ने वहां चारा उपलब्ध करवाना बंद कर दिया है तो नप के पास बजट की कमी के कारण चारे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही वहां पर घायल, बीमार नंदियों का इलाज नहीं पा रहा है। ऐसे में नंदी बेमौत मर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि नप के खुद के आंकड़ों में अब तक 991 नंदियों की मौत हो गई है। जिसे लेकर वह गेरक्षकों ने बवाल खड़ा कर दिया है। जिसे जिला उपायुक्त ने गंभीरता से लिया है। उपायुक्त जयवीर सिंह आर्य ने कड़ा संज्ञान लिया है। नंदीशाला में 850 नंदी हैं फिलहाल
नंदीशाला में अभी 850 नंदी हैं। वहां पर न ही तो पशु चिकित्सक इलाज के लिए पहुंचते हैं और न ही वहां पर स्थायी तौर पर सफाई, बिजली-पानी की व्यवस्था नजर आती है। शहर में नंदियों को अब गो रक्षक अपने स्तर पर संभाल रहे है। जिसे लेकर भी आए दिन विवाद बना रहता है। नप व पशुपाल विभाग के बिच उलझा पेंच
उपायुक्त ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी व पशुपाल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को बुलाकर दोनों विभागों से जवाब मांगा है। नप अधिकारियों ने इलाज का जिम्मा पशुपालन विभाग का होने की बात कही। जिस पर पशुपालन विभाग अधिकारियों ने कहा कि वहां पर एक चिकित्सक की व्यवस्था है, लेकिन नप अधिकारियों का जवाब था कि वह कभी कभार ही आता है। मीटिग में तय हुआ है कि नंदीशाला में पशुपालन विभाग की तरफ से स्थायी तौर पर चिकित्सक की वहां पर व्यवस्था की जाएगी। घायल व बीमार पशुओं का इलाज करना उनका जिम्मा होगा। रही बात चारे की तो इसके लिए भी नप व्यापक व्यवस्था करने में जुटी है।
संजय यादव, कार्यकारी अधिकारी, नप भिवानी