कितलाना टोल प्लाजा पर धूल भरी आंधी के बीच किसानों का धरना 97वें दिन भी रहा जारी
जागरण संवाददाता भिवानी तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर कितलाना टोल प्लाजा पर 9
जागरण संवाददाता, भिवानी : तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर कितलाना टोल प्लाजा पर 97वें दिन भी किसान धरने पर डटे रहे। धरने की अध्यक्षता खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, धर्मपाल महराणा, रणधीर कुंगड़, करतार सिंह गिल, गंगाराम श्योराण, सज्जन कुमार सिगला, दल्लो छपार, संतरा डोहकी, राजसिंह जताई ने की। धरने पर बैठे किसान नेताओं ने कहा नए श्रमिक कोड मजदूरों पर बड़ा प्रहार हैं। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर वीरवार को कितलाना टोल पर इन कोडों की प्रतियां जलाई जाएंगी।
तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान बोले हकों की आवाज बुलंद करते हुए आंदोलन कर रहे किसानों में से अब तक 300 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकार है कि किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों ने चेताया कि वर्ष 1907 में अंग्रेजों की हुकूमत ने भी तीन कृषि कानून बनाए थे। उस समय हमारे बुजुर्गों ने कड़ा विरोध किया था और ब्रिटिश सरकार को उन्हें वापस लेने पर मजबूर कर दिया था। इस सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं किसान और मजदूरों की एकजुटता उन्हें रद्द करवा कर रहेगी।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को विफल करने के लिए कभी अपने मंत्रियों को आगे किया और आंदोलन के पीछे विदेश का हाथ बताया। कभी एसवाइएल के नाम पर किसानों को बांटने का षडयंत्र रचा। जनता इन सबको समझ कर ऐसी चाल विफल कर दी गई। भारत बंद की कामयाबी ने सरकार की आंखें खोल दी हैं। लगातार दूसरे दिन चल रही धूल भरी आंधी के बावजूद टोल पर किसानों का हौंसला बरकरार रहा और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
आम आदमी पार्टी के दादरी जिलाध्यक्ष रिम्पी फौगाट ने चार अप्रैल को जींद में होने वाली किसान महापंचायत का निमंत्रण अध्यक्ष मंडल को दिया।
धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश और दिलबाग ग्रेवाल ने किया। इस अवसर पर बलबीर बजाड़, राजकुमार हड़ौदी, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, राजू मान, सज्जन सिंह मैनेजर, प्रोफेसर जगमिद्र, चन्द्र सिंह, कृष्णा छपार, निम्बो, मंगल सुई, अजीत सिंह सांगवान, होशियार सिंह, जगबीर ग्रेवाल, महेंद्र सिंह, जयप्रकाश, सत्यवीर, जगदेव, कप्तान रामफल, रत्तन सिंह बडेसरा, जगदीश हुई, ओमपाल, ज्ञानीराम, जगराम आदि मौजूद थे।