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शहर में 4000 अवैध पेयजल कनेक्शन, लोग पी रहे मुफ्त का पानी

जागरण संवाददाता चरखी दादरी जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध पेयजल कनेक्शनों को वैध करवाने के लि

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 07:11 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 07:11 PM (IST)
शहर में 4000 अवैध पेयजल कनेक्शन, लोग पी रहे मुफ्त का पानी
शहर में 4000 अवैध पेयजल कनेक्शन, लोग पी रहे मुफ्त का पानी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

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जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध पेयजल कनेक्शनों को वैध करवाने के लिए कई बार अभियान चलाने के बाद भी हजारों उपभोक्ता निशुल्क पेयजल ले रहे हैं। ऐसे में जहां बिल भरने वाले लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं होता। वहीं विभाग को भी लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। विभाग के अधिकारी जल्द ही ऐसे उपभोक्ताओं को अपने पेयजल कनेक्शन वैध करवाने के लिए प्रेरित करेंगे।

नगर परिषद द्वारा वर्ष 2013 में करवाए गए सर्वे के अनुसार शहर के मकानों की संख्या 16 हजार दर्ज की गई थी। पिछले 6 वर्षो में शहर की आबादी बढ़ने से 1000 से अधिक मकानों का निर्माण और हो चुका है। लेकिन शहर में बने मकानों की संख्या अनुसार जनस्वास्थ्य विभाग में दर्ज 11882 वैध पेयजल कनेक्शनों की संख्या काफी कम है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के लोग अपना पेयजल कनेक्शन वैध करवाने में कितने जागरूक हैं। पेयजल कनेक्शनों की संख्या नहीं बढ़ने से जहां जनस्वास्थ्य विभाग को प्रति माह लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं बिल भरने वाले लोग पेयजल से वंचित रह जाते है।

हजारों हैं अवैध कनेक्शन

नगर परिषद द्वारा वर्ष 2013 में करवाई गई शहर के मकानों की सर्वे में 16 हजार मकान पंजीकृत थे। सर्वे के लगभग पांच साल बाद शहर में लगभग एक हजार मकानों का निर्माण हो चुका हैं। लेकिन शहर में अभी भी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज 4 हजार से अधिक मकानों में पेयजल कनेक्शन नहीं लगाए गए हैं।

ऐसे भरना होता है बिल

जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रामरूप यादव ने बताया कि जिस उपभोक्ता से वैध पेयजल कनेक्शन पर मीटर लगवाया है उसे 60 रुपये प्रति माह और बिना मीटर वाले उपभोक्ता से 120 रुपये प्रति माह बिल का भुगतान करवाता हैं। वहीं फिलहाल बनाए गए मकान के वर्ग गज अनुसार भी पानी का बिल भरना होता है।

प्रतिमाह लाखों का चुना

नगर परिषद के आंकड़ों के अनुसार फिलहाल शहर में 16 हजार से अधिक मकान बने हुए हैं। वहीं पेयजल कनेक्शनों की संख्या 11882 हैं। अभी भी 4 हजार 118 मकानों में पेयजल कनेक्शन नहीं लगाए गए है। ऐसे में विभाग को प्रति माह दो लाख रुपये से अधिक का राजस्व का नुकसान होता है।

किया जाएगा प्रेरित : जेई

विभाग के कनिष्ठ अभियंता समुंद्र सिंह ने बताया कि विभाग ने कई बार टीमों का गठन कर अवैध पेयजल कनेक्शनों को वैध करवाने के लिए घर घर जाकर प्रेरित किया है। उस दौरान कुछ लोगों ने अपना अवैध कनेक्शन वैध करवा लिया था। बचे हुए लोगों को अपने कनेक्शन वैध करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि विभाग को होने वाले घाटे से बचाया जा सके।

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