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34 वर्ष पुराने महर्षि वाल्मीकि पार्क की नगर परिषद ने ली सुध, शुरू हुई सौंदर्यकरण प्रक्रिया

दादरी शहर की एक लाख से अधिक की आबादी के लिए घूमने फिरने के लिए मात्र रोज गार्डन ही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:40 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:40 AM (IST)
34 वर्ष पुराने महर्षि वाल्मीकि पार्क की नगर परिषद ने ली सुध, शुरू हुई सौंदर्यकरण प्रक्रिया
34 वर्ष पुराने महर्षि वाल्मीकि पार्क की नगर परिषद ने ली सुध, शुरू हुई सौंदर्यकरण प्रक्रिया

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

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दादरी शहर की एक लाख से अधिक की आबादी के लिए घूमने फिरने के लिए महज रोज गार्डन ही है। इसके अलावा नाम के लिए तो शहर में आधा दर्जन छोटे पार्क भी हैं। लेकिन देखरेख के अभाव में इन पार्कों के वजूद पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन पार्कों में साफ-सफाई से लेकर दूसरी सुविधाएं न होने के कारण लोगों ने यहां आना-जाना बंद कर दिया है। जिसके चलते वहां सन्नाटा पसरा रहता है। इतनी अधिक आबादी के बीच घूमने-फिरने लिए महज एक पार्क होने व दूसरे पार्कों की हालात खस्ताहाल होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन शहर के लोगों को अब कुछ राहत मिलने वाली है। नगर परिषद द्वारा शहर के काफी पुराने महर्षि वाल्मीकि पार्क की सुध लेते हुए वहां कार्य शुरु करवाया है। पार्क पर लाखों की लागत का कार्य जल्द पूरा होने की संभावना है जिसके बाद लोगों को वहां सुविधाएं मिलेंगी। समय के साथ दादरी शहर की आबादी तो तेजी से बढ़ी है। लेकिन उस गति से सुविधाओं में विस्तार नहीं हो पाया है। जिसके चलते शहरवासियों को कुछ सुविधाएं या तो मिल ही नहीं पाती है या फिर उन्हें प्राप्त करने के परेशानियां उठानी पड़ती है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण लोगों के सुबह-शाम टहलने के लिए पार्क की सुविधा है। हालांकि शहर में कुछ स्थानों पर पार्कों के निर्माण का कार्य चल रहा है। लेकिन वर्तमान में घूमने-फिरने लायक एकमात्र रोजगार्डन ही है। जिसके चलते पार्क में टहलने के लिए शहर के लोगों को काफी दूरी तय करनी पड़ती है।

34 साल पुराने पार्क की ली सुध

शहर के चिड़िया मोड़ के समीप स्थित महर्षि वाल्मीकि पार्क का शिलान्यास 34 साल पहले प्रदेश सरकार में तत्कालीन वन एवं जेल मंत्री चौधरी गोवर्धन दास चौहान ने मई 1986 को किया था। लेकिन शहर के दूसरे पार्कों के समान इस ओर भी अधिक ध्यान नहीं दिया गया। पार्क के नाम पर यहां चाहरदीवारी निकालकर दो झूले लगवाए गए थे। पार्क के अदंर घास के साथ-साथ दूसरी सुविधाएं भी नदारद थी। जिसके चलते इस पार्क को अस्तबल के रुप में प्रयोग किया जा रहा था। लेकिन अब यहां पुरानी चाहरदीवारी को तोड़कर नई बनाने के लिए प्रक्रिया शुर कर दी है। इसके अलावा या दूसरी सुविधाओं में भी विस्तार किया जाएगा।

लोगों को मिलेगी राहत

समय के साथ शहर की आबादी बढ़ती गई लेकिन लोगों को किसी नए पार्क की सुविधाएं अभी तक मुहैया नहीं हो पाई हैं। शहर में लोगों के सुबह-शाम घूमने-फिरने के लिए एकमात्र पार्क लोहारु रोड स्थित रोज गार्डन ही है। लेकिन रोज गार्डन की दूरी चिड़िया मोड़, ढाणी फाटक, तिकोना पार्क, महेंद्रगढ़ चंगी, महेंद्रगढ़ चौक इत्यादि की दूरी काफी अधिक है। जिसके चलते इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को या तो पार्क घूमने के लिए तीन किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती है या फिर रेलवे स्टेशन, अनाज मंडी या घरों की छतों पर घूमने को मजबूर होना पड़ता है। लेकिन नगर परिषद द्वारा अब जल्द ही महर्षि वाल्मीकि पार्क का सौंदर्यकरण करवाया जाएगा। जिससे लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।

दस लाख होंगे खर्च: चेयरमैन

नगर परिषद के चेयरमैन संजय छपारिया ने कहा कि वाल्मीकि पार्क के स्वरुप को बदलने के लिए वहां दस लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पार्क में लाइट, पानी, झूले, घास इत्यादि सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। चेयरमैन ने कहा कि नई चाहरदीवारी बनाने का कार्य शुरु करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्क के सौंदर्यकरण का कारण जल्द पूरा करवाकर लोगों को इसका लाभ दिया जाएगा।


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