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पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण पर कार्रवाई की तो हुआ विवाद, पक्षपात का आरोप लगा दुकानदारों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

दिल्ली-रोहतक रोड पर पर रेहड़ी लगाने वालों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 07:10 PM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 07:10 PM (IST)
पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण पर कार्रवाई की तो हुआ विवाद, पक्षपात का आरोप लगा दुकानदारों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण पर कार्रवाई की तो हुआ विवाद, पक्षपात का आरोप लगा दुकानदारों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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सेक्टर-छह के सामने देवीलाल पार्क के पास अतिक्रमण को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से एक दिन पहले कार्रवाई की गई तो विवाद हो गया है। दिल्ली-रोहतक रोड पर पर रेहड़ी लगाने वालों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। रेहड़ी फल विक्रेताओं ने अपनी आजीविका चलाने के लिए एसडीएम से राहत की मांग की है। उधर कुछ स्थानीय नेताओं ने रेहड़ी वालों को उचित स्थान उपलब्ध कराए जाने के लिए उनकी मांगों का समर्थन भी किया। दो दिन से पुलिस-प्रशासन की ओर से अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन ने दिल्ली-रोहतक रोड के अलावा सेक्टर-छह के नजदीक रेहड़ी वालों को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की, लेकिन इसको लेकर विरोध हो गया। सोमवार को प्रशासन की ओर से रेहड़ी वालों को हटा दिया था। इसके विरोध में रेहड़ी फल विक्रेता मंगलवार सुबह देवीलाल पार्क में एकत्र हुए। यहां से एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। रेहड़ी वालों ने प्रशासन से मांग की उन्हें सड़कों के किनारे खड़ा होने की अनुमति दी जाए। वे तो चलते-फिरते ही सामान बेचते हैं। लघु सचिवालय पहुंचे देवेंद्र, राजेश, विष्णु प्रसाद, जसीमुद्दीन, रणधीर, पवन, संतोष, श्रवण, हुकमचंद, गुड्डू, प्रदीप, बनवारी, पप्पू, अशोक व हीरालाल ने कहा कि शहर में अनेक स्थानों पर बड़े दुकानदारों ने फुटपाथों पर स्थायी कब्जे किए हुए हैं लेकिन प्रशासन उनको तो हटवा नहीं रहा बल्कि जो किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं, उनको परेशान करने का कार्य करते हुए उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है। एक बार दुकानदारों के अवैध कब्जे हटाने का प्रयास किया गया था तो कई अधिकारियों के तबादले हो गए थे, परंतु रेहड़ी वालों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। सरकार अब तक रेहड़ी वालों को रेहड़ी खड़ा करने का स्थान तक तय नहीं कर पाई है जबकि सरकार यह चाहती है कि रेहड़ी वालों को सुरक्षित स्थान मिले।


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