मुंगेशपुर ड्रेन ओवरफ्लो होने से छोटूराम नगर में घुसा पानी, बाढ़ जैसे हालात
गलियों में एक से डेढ़ फीट तक पानी जमा हो गया है। इससे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी बंद करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
मुंगेशपुर ड्रेन ओवर फ्लो होने के कारण शहर के छोटूराम नगर में पानी घुस गया है। इससे यहां पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गलियों में एक से डेढ़ फीट तक पानी जमा हो गया है। इससे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी बंद करना पड़ा। इधर, सिचाई विभाग ने ड्रेन के किनारों को मजबूत करने के प्रयास किए, मगर कालोनी की तरफ से रास्ता नहीं मिला। दूसरे रास्ते से मशीन को ले जाया गया, मगर वह खराब हो गई। अब विभाग द्वारा नई मशीन मंगवाई गई है। इसलिए भी आ रही है दिक्कत :
दरअसल, आसौदा गांव की तरफ से आने वाली वेस्ट जुआं ड्रेन बराही गांव के पास से दो हिस्सों में बंट जाती है। एक हिस्सा बराही-सांखौल मार्ग के साथ से होकर शहर के बीचों-बीचों से है। इस हिस्से को नगर शहर की सीमा में नगर परिषद के हवाले कर दिया गया था। नप ने इसकी रिमाडलिग कर दी है। बीच में 10 फीट का नाला बनाया है और दोनों तरफ सड़क बनी हुई है। वहीं दूसरा हिस्सा बराही और बामनौली की तरफ होता हुआ शहर के लाइनपार क्षेत्र में आकर मुंगेशपुर ड्रेन में मिल जाता है। यहां से आगे यह ड्रेन मुंगेशपुर ड्रेन ही कहलाती है। फिलहाल इसी हिस्से में यह ड्रेन ओवर फ्लो है। जानकारों का कहना है कि वेस्ट जुआं ड्रेन के हिस्से की नगर परिषद द्वारा रिमाडलिग की गई है, उसमें शुरुआती छोर पर पानी को रोकने के लिए मिट्टी डाली गई है। इसीलिए वेस्ट जुआ ड्रेन का ज्यादातर पानी बामनौली की तरफ जाने वाले ड्रेन के दूसरे हिस्से में ही बहता है। यदि वेस्ट जुआ ड्रेन के दोनों हिस्सों में पानी के बहाव के लिए रुकावट न हो तो निकासी हो सकती है। ड्रेन का पानी घुसने से छोटूराम नगर में हाहाकार :
ड्रेन का पानी घुसने से छोटूराम नगर में संकट खड़ा हो गया है। काफी हिस्से में गलियों और खाली प्लाटों में पानी जमा हो गया है। इससे यहां के निवासी परेशान हो उठे हैं। घर से बाहर कदम रखना भी आफत है। लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द यहां से पानी निकालने और दोबारा से इस तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए स्थायी इंतजाम करने की मांग उठाई है। ड्रेन का पानी कालोनी में जाने से रोकने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए बड़ी मशीन मंगवाई गई है। कालोनी की तरफ से ड्रेन तक मशीन ले जाने का रास्ता नहीं है। सीवरेज प्लांट के अंदर से मशीन ले जाकर ड्रेन को ठीक करवाया जाएगा।
-राहुल गिल, एसडीओ, सिचाई विभाग