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जलघर के टैंक भरने को जीडब्ल्यूएस नहर पर लगाए तीन अतिरिक्त पंप, दो दिनों में पूरी तरह दूर होगा जल संकट

चार दिनों से कम आपूर्ति के कारण खाली हुए शहर के जलघर के टैंकों को फिर से भरने के लिए जीडब्ल्यूएस नहर (गुरुग्राम वाटर सर्विस) पर तीन अतिरिक्त पंप लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 07:00 AM (IST)
जलघर के टैंक भरने को जीडब्ल्यूएस नहर पर लगाए तीन अतिरिक्त पंप, दो दिनों में पूरी तरह दूर होगा जल संकट
जलघर के टैंक भरने को जीडब्ल्यूएस नहर पर लगाए तीन अतिरिक्त पंप, दो दिनों में पूरी तरह दूर होगा जल संकट

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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चार दिनों से कम आपूर्ति के कारण खाली हुए शहर के जलघर के टैंकों को फिर से भरने के लिए जीडब्ल्यूएस नहर (गुरुग्राम वाटर सर्विस) पर तीन अतिरिक्त पंप लगाए गए हैं। बहादुरगढ़ माइनर के जरिये तो आपूर्ति हो ही रही है। साथ लगती दूसरी माइनर से भी टैंकों में आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में यहां के पांच में से चार टैंकों में अब पानी का स्तर डेढ़ से दो फीट तक हो गया है। शहर में पानी का जो संकट बना हुआ है, वह पूरी तरह दूर होने में दो दिन और लग सकते हैं। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर में पेयजल सप्लाई का जो शेड्यूल है, उसके अनुसार घरों में पानी देने के लिए स्टोरेज पर्याप्त हो गई है। विभाग के एसडीओ अनिल रोहिल्ला ने बताया कि दो दिन में टैंकों में पानी का स्तर काफी बढ़ जाएगा। तीन अतिरिक्त पंच चल रहे हैं। विभाग के पास अपनी क्षमता तो पर्याप्त है। पानी की उपलब्धता से ही दिक्कत आती है।

शहर में अभी दूर नहीं हुई है पानी की कमी

शहर में हर साल ही गर्मी के मौसम में पानी का संकट पैदा होता है। कभी कोई वजह बनती है तो कभी कोई। इस बार जिस नहर से पानी मिलता है, उसके सफाई कार्य के चलते यह संकट खड़ा हो गया। हालांकि अभी तो गर्मी के कई महीने बाकी हैं। शहर वासियों को चार दिनों से संकट से जूझना पड़ ही रहा है। लोगों ने उठाया सवाल, जब आपूर्ति रोकनी थी तो पहले टैंक फुल किए जाते

दरअसल, जीडब्ल्यूएस नहर के रेलवे लाइन पर बने पुल के नीचे से सफाई की जानी थी। इसी कारण चार दिनों तक बहादुरगढ़ माइनर की आपूर्ति बंद रही। ऐसे में बहादुरगढ़ में जन स्वास्थ्य विभाग के जलघर के पांच में से चार टैंक तो खाली ही हो गए। ऐसे में लोगों ने सवाल उठाया है कि जब यह कार्य सिचाई विभाग को करना था तो पहले ही इन टैंकों को फुल किया जाता। इसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग


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