ऑक्सीजन के लिए मची है अफरा-तफरी, अस्पतालों में नए मरीज भर्ती करने पर संकट,
ऑक्सीजन का संकट दूर नहीं हो पा रहा है। हर तरफ अफरा-तफरी मची है। तमाम अस्पतालों से लेकर जिन परिवारों ने निजी स्तर पर सिलेंडर का इंतजाम किया है उनकी दौड़ धूप सुबह से रात तक देखी जा सकती है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
ऑक्सीजन का संकट दूर नहीं हो पा रहा है। हर तरफ अफरा-तफरी मची है। तमाम अस्पतालों से लेकर जिन परिवारों ने निजी स्तर पर सिलेंडर का इंतजाम किया है, उनकी दौड़ धूप सुबह से रात तक देखी जा सकती है। प्रशासन की ओर से तो जिले में सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों का ऑक्सीजन कोटा तय कर रखा है, मगर अस्पताल इसे लगातार नाकाफी बता रहे हैं। मरीजों की संख्या को देखे तो अभी ऑक्सीजन की उपलब्धता कहीं ज्यादा कम है। दरअसल, संक्रमण ज्यादा फैला हुआ है। मरीज अत्यधिक आ रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमण के हर मरीज को ऑक्सीजन चाहिए। इधर, प्रशासन द्वारा जवाब दिया जा रहा है कि जितना कोटा तय किया है, उसी में काम चलाओ। ऐसे में अस्पतालों में तो संकट यह है कि वहां पर नए मरीज भर्ती करना मुश्किल है। पुराने मरीजों की सांस भी बीच-बीच में ऑक्सीजन की कमी के कारण उखड़ने लगती है। दिन भर में कई अस्पतालों में इस तरह के नोटिस चस्पा कर दिए जाते हैं कि ऑक्सीजन कुछ ही देर की बची है। उससे अस्पताल के बाहर अफरा-तफरी मच जाती है। अनेक परिवार निजी स्तर पर सिलेंडर का इंतजाम करने में जुट जाते हैं। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों का तर्क है कि जिले में रोजाना जितनी ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही है, उसी के अनुसार सभी अस्पतालों में जरूरत के अनुसार सप्लाई दी जा रही है। अस्पतालों के लिए तय किया गया आक्सीजन कोटा :
झज्जर के एडवांटा अस्पताल के लिए 30, ऑस्कर अस्पताल के लिए 12, आर एस गौड़ ग्लोबल अस्पताल के लिए 18, वर्ल्ड मेडिकल कालेज के लिए 80, बहादुरगढ़ के शिवम आरआर के लिए 35, संजय अस्पताल के लिए 18, स्वास्तिक अस्पताल के लिए 31, ब्रह्मशक्ति अस्पताल के लिए 50, दिल्ली अस्पताल के लिए 31, आरजे अस्पताल के लिए 55, जेजे अस्पताल के लिए 70, जेके अस्पताल के लिए 70, मिशन अस्पताल के लिए 18, झज्जर के मेडिकेयर अस्पताल के लिए 30, बहादुरगढ़ के ऑक्सीमस, न्यू लाइफ फर्स्ट स्माइल व झज्जर के एएए अस्पताल के लिए दो-दो सिलेंडर का कोटा तय किया है। इसके अलावा दो सिलेंडर एंबुलेंस में। झज्जर और बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल के लिए 14-14 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 18 सिलेंडर तय किए गए हैं।