..बूथों की दूरी न बन जाए कम मतदान की वजह
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : हर चुनाव में मतदान का फीसद भी एक अहम पहलू होता है। किस
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
हर चुनाव में मतदान का फीसद भी एक अहम पहलू होता है। किस चुनाव में कितना फीसद मतदान हुआ, इसका एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। लोगों ने चुनाव के प्रति कितना उत्साह दिखाया, इसी से पता चलता है। मगर तब क्या हो, जब कोई नागरिक मतदान तो करना चाहे, लेकिन बूथ ही इतनी दूरी पर हो कि मतदाता का मन ही बदल जाए। दूर जाने की बजाय वह वोट न डालना ही पसंद करे। ऐसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?
जाहिर है कि ऐसी स्थिति में मतदान का फीसद बढ़ाने को लेकर हर चुनाव से पहले की खर्चीली मुहिम भी बेकार साबित होगी। इस तरह के हालात बहादुरगढ़ में बने हुए है। यहा कई बूथ 100-200 मीटर नहीं बल्कि डेढ़ से दो किलोमीटर दूरी पर बने हुए है। इस बार बूथों की संख्या तो पिछली बार की अपेक्षा 20 फीसद बढ़ाई गई है, लेकिन इतनी दूरी के बूथ नहीं बदले गए तो काफी मतदाता वोट से ही किनारा कर लेंगे। मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण की चल रही मुहिम इन दिनों मतदाता सूचियों के पुनर्निरीक्षण का कार्य चल रहा है। 1 जनवरी 2019 की तिथि को आधार मानकर नई वोट भी बनाई जा रही है। यानी इस तिथि को जो 18 साल का हो जाएगा वह अभी से मतदाता सूची में शामिल होगा। इसके साथ ही मतदाता सूची में नाम और दूसरे बिंदुओं पर जो खामिया है उनको दुरुस्त किया जा रहा है। जिनकी दोहरी वोट है, उनकी एक जगह से काटी जा रही है। जो दुनिया छोड़ चुके है, उनकी वोट हटाई जा रही है। वैसे तो यह प्रक्रिया 1 सितंबर से शुरू हुई थी और 31 अक्टूबर तक चलेगी। इसके बावजूद शनिवार व रविवार को इसके लिए विशेष अभियान चला। सभी बीएलओ अपने बूथों पर मौजूद रहे। इसी तरह अब अक्टूबर में 13 व 14 तारीख को भी बीएलओ बूथों पर रहेगे। 31 अक्टूबर के बाद नई मतदाता सूची जारी की जाएगी। इस बार हो गए है 216 बूथ बहादुरगढ़ विधानसभा में अब तक 186 बूथ थे। मगर अब इनकी संख्या बढ़ाकर 216 कर दी गई है। मतदाताओं की संख्या 1 लाख 96 हजार 414 है। अब नई मतदाता सूची में यह संख्या कितनी बढ़ती है। यह देखने वाली बात होगी। बूथों की दूरी खड़े कर रही सवाल वैसे तो बूथों की संख्या बढ़ाने का उद्देश्य यही होता है कि लोगों को वोट डालने के लिए दूर न जाना पड़े। मगर बहादुरगढ़ में कई बूथों पर हालात इसके ठीक उलट दिखाई देते हैं। अब लाइन पार क्षेत्र के ही काफी मतदाताओं का बूथ एस आर सेंच्यूरी स्कूल में बनाया गया है। यह दूरी दो किलोमीटर के आसपास है। इसके अलावा एक बूथ नाहरा-नाहरी रोड पर श्रीरामा भारती स्कूल में बनाया गया है। इसकी दूरी सेंच्यूरी स्कूल से कम है, लेकिन मतदाताओं के लिए यह भी आधे किलोमीटर से ज्यादा है। इस तरह की स्थिति कई और जगहों पर है। ऐसे में बूथ सुविधा की बजाय दुविधा बन जाएंगे। इतनी दूर होने से मतदाता वोट डालने की कैसे सोचेगा? दूर जाने की बजाय वह बिना वोट डाले घर पर ही मायूस होकर रह जाएगा। लाइन पार के वार्ड 5 के पार्षद एवं पूर्व चेयरमैन रवि खत्री का कहना है कि आखिर इतनी दूर बूथ बनाने का क्या औचित्य है। इसको बदला जाए और हर जगह पर मतदाताओं की सुविधा के अनुसार ही बूथ बनाए जाएं। समर्थकों के वोट बनवाने पहुच रहे नेता खास बात यह है कि विभिन्न पार्टियों के नेता भी अपने समर्थकों के वोट बनवाने में खूब दिलचस्पी ले रहे है। वे खुद फार्म जुटाते है। संबंधित मतदाता से विवरण लेकर फार्म जमा कराने खुद ही जाते है। ऐसा करके नेता अपना एक वोट बैंक तैयार कर रहे हैं। ताकि बड़े चुनाव में वे अपना प्रभाव दिखा सके और छोटे चुनाव में खुद मैदान में उतरना पड़े तो, समर्थकों की संख्या कम न रहे। रविवार को भाजपा के नेता सतबीर चौहान भी अपने समर्थकों की वोट बनवाने और मतदाता सूची को देखने के लिए पहुचे। वर्जन..
मतदाता सूचियों का पुनर्निरीक्षण नियमानुसार किया जा रहा है। नई वोट भी बनाई जा रहीं है। जो खामिया है, उन्हे दूर किया जा रहा है।
-मनोरमा, चुनाव कानूनगो, बहादुरगढ़।