ड्रोन से सर्वे करने की नप ने दी सहमति, 50 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उड़ाकर लेगी होगी प्रॉपर्टी की इमेज
शहर में प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी बढ़ाने के लिए ड्रोन से सर्वे कराने की सहमति नगर परिषद ने अपनी ओर से दे दी है। नप ने ड्रोन सर्वे कराने वाली कंपनी के सामने शर्त रखी है कि उसे 50 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ही ड्रोन को उड़ाकर सर्वे करना होगा। अगर इससे कम ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाया जाता है तो दुर्घटना होने का अंदेशा हो सकता है। ड्रोन सर्वे की फाइनल अनुमति पुलिस अधीक्षक कार्यालय व उपायुक्त कार्यालय की ओर से दी जाएगी। लिहाजा कंपनी के आवेदन पर नगर परिषद ने एक फाइल बनाकर एसपी और डीसी कार्यालय में भेज दी है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
शहर में प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी बढ़ाने के लिए ड्रोन से सर्वे कराने की सहमति नगर परिषद ने अपनी ओर से दे दी है। नप ने ड्रोन सर्वे कराने वाली कंपनी के सामने शर्त रखी है कि उसे 50 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ही ड्रोन को उड़ाकर सर्वे करना होगा। अगर इससे कम ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाया जाता है तो दुर्घटना होने का अंदेशा हो सकता है। ड्रोन सर्वे की फाइनल अनुमति पुलिस अधीक्षक कार्यालय व उपायुक्त कार्यालय की ओर से दी जाएगी। लिहाजा कंपनी के आवेदन पर नगर परिषद ने एक फाइल बनाकर एसपी और डीसी कार्यालय में भेज दी है। नप अधिकारियों को उम्मीद है कि बहुत जल्द ही एसपी और डीसी कार्यालय से भी अनुमति मिल जाएगी, जिससे अगले सप्ताह मंगलवार या बुधवार को शहर में ड्रोन सर्वे शुरू हो जाएगा।
उधर, नगर परिषद की ओर से दो दिन पहले प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित रिकार्ड की दी सीडी खुल नहीं रही है। अब कंपनी के अधिकारियों ने नप अधिकारियों से दोबारा से रिकार्ड मांगा है ताकि सर्वे की कार्रवाई तेजी से की जा सके। 66 हजार 693 इकाइयों का होना है सर्वे, कंपनी को दे रखा है ठेका
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने बहादुरगढ़ शहर में प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी बढ़ाने के लिए यासी कंसलटेंसी कंपनी को सर्वे करने का ठेका दिया है। इस ठेके के तहत कंपनी पहले ड्रोन से फोटो लेकर पूरे शहर की प्रॉपर्टी का सर्वे करेगी और पूरा डाटा तैयार कर प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बनाएगी और उनका वितरण कर टैक्स की रिकवरी भी करेगी। सर्वे शुरू करने के लिए कंपनी की ओर से ड्रोन उड़ाने की अनुमति ली जा रही है। चूंकि बहादुरगढ़ क्षेत्र एनसीआर के साथ-साथ एयरपोर्ट के भी दायरे में आता है। ऐसे में ड्रोन उड़ाने के लिए नगर परिषद, डीसी व एसपी कार्यालय से भी अनुमति लेनी पड़ती है। प्रारंभिक तौर पर नगर परिषद ने अपनी सहमति जता दी है लेकिन कंपनी के सामने शर्त रखी है उसे शहर में 50 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाकर फोटो लेने होंगे। कंपनी की ओर से करीब 300 फीट की ऊंचाई से ड्रोन से इमेज लेकर सर्वे किया जाएगा। कंपनी सर्वे करके वार्ड वाइज व कालोनी वाइज प्रॉपर्टी का मैप बनाएगी और 16 डिजिट यूनिक आईडी से पूरे शहर की प्रॉपर्टी का विवरण विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगा। टैक्स की रिकवरी कम से कम 40 फीसद अधिक बढ़ाने के लिए विभाग ने नए सिरे से शहर में प्रॉपर्टी का सर्वे कराने, बिल बनाने व बिल बांटने का काम अब जयपुर की इस एजेंसी को काम दिया है। गौरतलब है कि शहर में करीब 66 हजार 693 इकाई हैं, जिनसे नप हर साल करीब एक करोड़ टैक्स ही वसूल पाती है।
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विभाग मुख्यालय की ओर से जयपुर की जिस एजेंसी को शहर में प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे करने का कार्य दिया गया है, उसे शहर में ड्रोन उड़ाने के लिए नप की ओर से सहमति दे दी गई है। उसे 50 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाना होगा। ड्रोन उड़ाने की फाइनल अनुमति डीसी व एसपी कार्यालय से जारी होगी। उसके लिए फाइल बनाकर भेज दी गई है। वहां से अनुमति मिलने पर बहुत जल्द ही सर्वे शुरू कर दिया जाएगा।
- अपूर्व चौधरी, कार्यकारी अधिकारी, नप।