बेटियों के स्वर्णिम भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना कारगर : एसडीएम
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है फोटो-7 जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
एसडीएम हितेंद्र कुमार ने कहा कि बेटियां समाज का गौरव हैं। बेटियों को बेहतर शैक्षणिक व सुरक्षित माहौल प्रदान करने में सरकार सजगता के साथ अपना दायित्व निभा रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं को क्रियान्वित किया गया है। एसडीएम ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है। इस योजना में जमा की गई राशि भविष्य में बेटियों को उच्चतर शिक्षा दिलवाने व उनकी शादी में मददगार साबित हो रही है। सभी पात्र व्यक्तियों को इस योजना के तहत अपनी बेटी का खाता खुलवाना चाहिए। सुकन्या समृद्धि खाता योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ही एक भाग है। घरेलू बचत के लिए भी सरकार की यह एक अच्छी पहल है। सुकन्या समृद्धि खाता एक डाकघर से दूसरे में निशुल्क ट्रांसफर किया जा सकता है। जमा राशि पर लगने वाला ब्याज पूर्णतया कर रहित है। इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट प्राप्त है। ऐसे उठा सकते हैं फायदा:
एसडीएम ने बताया कि माता-पिता या कानूनी अभिभावक दो लड़कियों के लिए यह खाता खुलवा सकते हैं। बेटी के जन्म से 10 वर्ष तक की उम्र में सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है। यह लड़की के नाम से ही खुलता है। जमाकर्ता माता-पिता (अभिभावक) में से एक होगा जो नाबालिग लड़की की ओर से पैसा जमा करेगा। 250 रुपये से खाता खुलेगा। साल में कम से कम एक हजार रुपये हर खाते में जमा होने चाहिए। अधिकतम एक लाख 50 हजार रुपये वर्ष में जमा किए जा सकते है। एक वित्त वर्ष में पैसे नकद, चेक या ड्राफ्ट के जरिये कितनी बार ही जमा किए जा सकते हैं। इस योजना में जमा राशि पर ब्याज की गणना सालाना होती है। इस खाते में 14 साल तक पैसे जमा करवा सकते हैं। 21 वर्ष में यह खाता परिपक्व हो जाएगा। 18 वर्ष के बाद बेटी की उच्चतर शिक्षा के लिए तथा विवाह के समय जमा राशि में से आधा हिस्सा निकलवाया जा सकता है। यह खाता खुलने की तिथि से लड़की की आयु 21 वर्ष होने तक तथा उसके विवाह के बाद बंद किया जा सकेगा। खाता खुलवाने के लिए बेटी के जन्म का प्रमाण पत्र, अभिभावक के पते का प्रमाण तथा फोटो पहचान पत्र (पैन कार्ड, वोटर आईडी या आधार कार्ड) की जरूरत पड़ती है। यह खाता डाकघर या अधिकृत बैंकों में खुलवाया जा सकता है। एसडीएम ने अभिभावकों से अपील की कि बेटियों के सुरक्षित व सुखद भविष्य के लिए योजना का लाभ उठाएं।