आंदोलन के रंग : कहीं सफाई मुहिम, कहीं काढ़ा, कही क्लॉथ वॉशिग प्वाइंट तो कहीं अनानास की महक
कृषि कानूनों को लेकर चल रहा किसान आंदोलन में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं।
फोटो-3: 5 : 7: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
कृषि कानूनों को लेकर चल रहा किसान आंदोलन बहादुरगढ़ में 15 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसमें हर 10 कदम पर नए-नए रंग देखने को मिल रहे हैं। कहीं पर तो कोरोना और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को काढ़ा पिलाया जा रहा है, तो कहीं पर अनानास की महक भी है। जगह-जगह वाशिग मशीनें चल रही है। दिनभर स्वयंसेवकों की टीमें कपड़े धो रही हैं। दूर-दराज तक ठहरे किसान कपड़े लेकर यहां पहुंचते हैं और धुलवाकर वापस लौटते हैं। पंजाब से युवाओं की कई टीमें सफाई अभियान भी चला रही हैं। केरल से आंदोलन स्थल पर 20 टन अनानास भेजे गए हैं। वीरवार को यहां पर किसान अनानास का वितरण करने में जुटे रहे। वहीं टीकरी बॉर्डर के पास अलग-अलग किसान संगठन और सेक्टर-9 मोड़ पर खालसा एड द्वारा एक तरह से वाशिग पॉइंट चलाया जा रहा है। सेक्टर-9 मोड़ पर तो एक साथ कई मशीनें लगाई गई हैं। यहां पर किसान बाकायदा टोकन लेकर कपड़े धुलवा रहे हैं। दिनभर टीमें इस पर काम करती हैं। वहीं बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 निवासी उद्यमी गुरमीत सिंह और उनकी टीम आंदोलन की शुरुआत से ही किसानों को काढ़ा पिला रही है। पंजाब से जो युवा किसान आए हुए हैं। वे रह-रहकर सफाई मुहिम चला रहे हैं। दो दिन पहले पंजाब के गायक कंवर ग्रेवाल व अन्य ने भी यहां पर सफाई अभियान चलाया था और यह संदेश दिया था कि आंदोलन को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सफाई भी रखी जाएगी।