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फायर ब्रिगेड के सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा, बिना फायर एनओसी के चल रहीं करीब 75 फीसद फैक्ट्रियां

शहर में बिना फायर एनओसी के चल रहे वाणिज्यिक और औद्योगिक भवनों के खिलाफ बहुत जल्द ही कार्रवाई होने वाली है। ऐसे भवनों में आग की घटनाएं होने पर मानव जीवन की हानि होती है जिसके चलते प्रशासन की ओर से इस दिशा में अब कड़े कदम उठाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:00 AM (IST)
फायर ब्रिगेड के सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा, बिना फायर एनओसी के चल रहीं करीब 75 फीसद फैक्ट्रियां
फायर ब्रिगेड के सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा, बिना फायर एनओसी के चल रहीं करीब 75 फीसद फैक्ट्रियां

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर में बिना फायर एनओसी के चल रहे वाणिज्यिक और औद्योगिक भवनों के खिलाफ बहुत जल्द ही कार्रवाई होने वाली है। ऐसे भवनों में आग की घटनाएं होने पर मानव जीवन की हानि होती है जिसके चलते प्रशासन की ओर से इस दिशा में अब कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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गत 20 अगस्त को एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने एमआइई का निरीक्षण किया था और यहां पर बिना फायर एनओसी के चल रही फैक्ट्रियों की पहचान करने के निर्देश दिए थे। करीब एक माह तक फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने एमआइई का सर्वे किया और अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी है। एसडीएम को भेजी गई रिपोर्ट में दमकल केंद्र प्रभारी ने बताया कि एमआइई पार्ट ए व बी में करीब 2 हजार 500 फैक्ट्रियां हैं। उनकी ओर से 380 फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया, जिसमें सिर्फ 98 फैक्ट्रियों में ही फायर एनओसी मिली। जिन फैक्ट्रियों में एनओसी मिली वहां पर फायर सिस्टम भी नियमानुसार मिला, मगर जो फैक्ट्रियां बिना एनओसी के ही चल रही हैं वहां आग बुझाने के लिए सिर्फ फायर एक्टींग्यूशर ही लगे हुए हैं। इसके अलावा इन फैक्ट्रियों में आग बुझाने वाला कोई भी सिस्टम नहीं है। ऐसे में इन फैक्ट्रियों में आग लग जाए तो यहां जान-माल की हानि हो सकती है। एसडीएम को भेजी रिपोर्ट में दमकल केंद्र प्रभारी ने यह भी आग्रह किया है कि जिन फैक्ट्रियों के पास एनओसी नहीं है, उन्हें नोटिस जारी करने की अनुमति दी जाए, ताकि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। 2019 में सूरत में कोचिग सेंटर में आग लगने के बाद किया था 250 भवनों का सर्वे, 40 में ही मिली थीं एनओसी

मई 2019 में सूरत के कोचिग सेंटर में आग लगी थी। तब दमकल विभाग ने शहर की तमाम ऊंची इमारतों का सर्वे किया था। स्कूल भवनों, कोचिग सेंटरों समेत शहर में 250 भवनों की जांच की गई और महज 40 के पास ही फायर एनओसी मिली थी। नियमानुसार फायर एनओसी से पहले विभाग की टीम किसी भी भवन का निरीक्षण करती है। वहां सुरक्षा के प्रबंध पूरे हैं या नहीं, पहले यह देखा जाता है। आग लगने की सूरत में वहां से निकलने के पूरे इंतजाम हैं या नहीं। यह सब सही मिलने के बाद ही फायर एनओसी दी जाती है। फैक्ट्रियों में आग लगने से दो फैक्ट्रियों में हो चुकी जनहानि

फायर एनओसी के बाद ही भवनों में कोई भी गतिविधि शुरू हो सकती है, लेकिन इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती। एमआइई की कूलर फैक्ट्री में सितंबर 2019 में आग लग गई थी। उसमें दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इस फैक्ट्री के संचालन के लिए फायर एनओसी नहीं ली गई थी। दूसरी घटना 28 फरवरी 2020 को हुई थी। इसमें तो 11 लोग चपेट में आकर मौत के मुंह में जा समाए थे। इसमें भी फायर एनओसी नहीं थी। फायर ब्रिगेड ने फायर एनओसी को लेकर जो रिपोर्ट मांगी थी, वह भेज दी है। अब तक जितनी फैक्ट्रियों में उनकी ओर से सर्वे किया गया और जिनमें एनओसी मिली और जिनमें एनओसी नहीं थी, उसकी रिपोर्ट मिल गई है। अब जल्द ही बिना एनओसी वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हितेंद्र शर्मा, एसडीएम, बहादुरगढ़।


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