रात एक बजे से दिनभर बरसे बदरा, लगातार हो रही बारिश, 170 एमएम का रिकार्ड, सेक्टरों के साथ कई कालोनियों के घरों में घुसा पानी
कई दिनों के अंतराल के बाद बहादुरगढ़ में बुधवार आधी रात के बाद से ही चल रही बारिश वीरवार को दिनभर जारी रही। वीरवार को दिनभर हुई बारिश ने इस मौसम का रिकार्ड बना दिया है। नौ अगस्त को इस मौसम की सबसे ज्यादा 88 एमएम बारिश हुई थी लेकिन वीरवार को इससे भी करीब दोगुनी बारिश दर्ज की गई।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कई दिनों के अंतराल के बाद बहादुरगढ़ में बुधवार आधी रात के बाद से ही चल रही बारिश वीरवार को दिनभर जारी रही। वीरवार को दिनभर हुई बारिश ने इस मौसम का रिकार्ड बना दिया है। नौ अगस्त को इस मौसम की सबसे ज्यादा 88 एमएम बारिश हुई थी लेकिन वीरवार को इससे भी करीब दोगुनी बारिश दर्ज की गई।
बहादुरगढ़ में जमकर बरसे मेघों की वजह से रिकार्ड 170 एमएम बारिश दर्ज की गई। इस बारिश ने प्रशासन के विकास व पानी निकासी के दावों की पोल खोल दी। ड्रेनों के साथ-साथ नाले भी ओवरफ्लो हो गए। पूरा शहर पानी से लबालब हो गया। सेक्टर छह, मांडोठी बाजार, अग्रवाल कालोनी, लाइनपार, सेक्टर छह, देव नगर, झज्जर रोड, सैनीपुरा, महाबीर पार्क, नेहरू पार्क समेत दर्जनों इलाकों में पानी घुस गया। एमआइई की फैक्ट्रियों में भी पानी घुस गया। बारिश के साथ ही बिजली भी गुल होने से लोगों की परेशानी और भी बढ़ गई। पूरे शहर में दिनभर जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
रात को जन्माष्टमी की पूजा-अर्चना कर लोग गहरी नींद में सो गए। करीब एक बजे बारिश शुरू हुई, जो वीरवार को दिनभर जारी रही। लोग जब सुबह उठे तो कई कालोनियों में गलियों के साथ-साथ घरों में भी पानी घुसा हुआ था। इतना देखकर लोग हैरान रह गए। जिन लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ था तो वे पानी निकालने में जुट गए। सुबह प्रशासन भी पानी की निकासी में जुट गया लेकिन प्रशासन के सब इंतजाम धरे के धरे रह गए। शहर में बारिश के लगातार जारी रहने से जलभराव की स्थिति से निपटने के सारे प्रबंध नाकाफी साबित हुए। निकासी इंतजाम फिर हुए फेल, यहां-यहां भरा पानी
बरसाती पानी की निकासी के उचित इंतजाम न होने के कारण ही शहर में एक बार फिर संकट खड़ा हुआ। इस बार बारिश की मात्रा भी ज्यादा रही। वैसे तो हल्की बारिश में ही कई कालोनियां और सार्वजनिक स्थल जलमग्न हो जाते हैं, ऐसे में 170 एमएम बारिश से तो समस्या विकराल रूप ले गई। शहर के सैनीपुरा में तो हालात बदतर थे। यहां तो बिल्कुल तालाब की तरह जलभराव था। वहीं ओमेक्स सिटी अपार्टमेंट में 66 फुटा रास्ता की सड़क फिर से एक फीट से ज्यादा तक पानी में डूब गई। सेक्टर छह की सड़कों एक से डेढ़ पानी से लबालब थीं। बस स्टैंड और सिविल अस्पताल परिसर में भी पानी जमा हो गया। एमआइई की कई फैक्ट्रियों में भी पानी घुस गया। मांडोठी बाजार, पावर हाउस के घरों में घुसा पानी
शहर के मांडोठी बाजार की सड़कें व गलियां तालाब बन गईं। यहां पर घरों में पानी घुस गया। लोग नींद से जागते ही घरों से पानी निकालने में जुट गए थे। साथ ही 33 केवी पुराना पावर हाउस की रिहायशी कालोनी के मकानों में भी पानी घुस गया। बिजली कर्मी बिजेंद्र फौगाट ने बताया कि घरों में काफी पानी घुस गया। सुबह उसे निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सेक्टर छह के डिस्पोजल पर सिर्फ एक ही पंप
सेक्टर छह निवासी जयपाल सांगवान, किशोरी लाल गुप्ता आदि ने बताया कि यहां के डिस्पोजल पर पंप सैट की व्यवस्था न होने से यहां के लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। पहले तीन मोटर कम से कम चला करती थी, जिसकी वजह से पानी जल्दी निकल जाता था। मगर अब एक ही पंप सेट चल रहा है। वह भी अधिकांश समय डीजल खत्म होने की वजह से बंद रहता है। किसानों में भी कहीं राहत, कहीं चिता इस बारिश के बाद किसानों में भी कहीं राहत है तो कहीं चिता का माहौल बन गया है। गन्ना और धान उत्पादक किसान इस बारिश से खुश हैं। जबकि ज्वार, बाजरा, कपास फसलों के लिए यह बारिश नुकसानदायक हो सकती है। इन फसलों को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। पहले से ही खेतों में नमी है। ऐसे में और बारिश से तो इन फसलों के पौधे सूख सकते हैं। कई जगह बाजरा और कपास की फसल के पत्ते पीले पड़ रहे हैं। हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि अभी कहीं से नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है। बारिश लगातार हो रही है। 170 एमएम से ज्यादा बारिश है। हमारे सभी अधिकारी पानी निकासी का प्रबंध करने में लगे हुए हैं। लोगों को धैर्य रखना चाहिए। इतनी ज्यादा बरसात में एक बार तो पानी भरेगा ही। बारिश रूक जाने के बाद पानी की भी निकासी हो जाएगी।
शीला राठी, चेयरपर्सन, नगर परिषद, बहादुरगढ़।