एमआइई की सड़कों पर भरा बरसाती पानी, दो हजार से फैक्ट्रियों काम ठप होने का अनुमान, फुटवियर की टॉप 5 में शुमार रिलेक्सो ने लिखा सीएम को पत्र
आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र (एमआइई) के पार्ट ए व बी के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां जरा सी बारिश होने पर सड़कों पर कई फीट तक पानी जमा हो जाता है। फैक्ट्रियों तक वाहन जा नहीं पाते हैं। फैक्ट्री संचालकों व कर्मचारियों को गंदे पानी से होकर जाना पड़ रहा है। इन हालातों के चलते या तो कई फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद है या उद्यमी इसे बंद करने की सोच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र (एमआइई) के पार्ट ए व बी के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां जरा सी बारिश होने पर सड़कों पर कई फीट तक पानी जमा हो जाता है। फैक्ट्रियों तक वाहन जा नहीं पाते हैं। फैक्ट्री संचालकों व कर्मचारियों को गंदे पानी से होकर जाना पड़ रहा है। इन हालातों के चलते या तो कई फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद है या उद्यमी इसे बंद करने की सोच रहे हैं। पिछले दिनों हुई बारिश में तो कई फैक्ट्रियों में भी पानी घुस गया था, जिसकी वजह से उनमें उत्पादन ठप हो गया था।
लगातार बदहाल स्थिति में सुधार न होने के चलते फुटवियर क्षेत्र में देश की टॉप पांच में शुमार रिलेक्सो कंपनी ने सीएम को पत्र लिखा है। सीएम को भेजे पत्र में कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट वरिद्र कुमार ने 10 से ज्यादा फोटो भी भेजे हैं। रिलेक्सो कंपनी ने सीएम को भेजे पत्र में साफ तौर पर कहा है कि हर साल बरसात के मौसम में एमआइई के हालात खराब हो जाते हैं। यहां न तो सड़कें, न ही स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम। स्ट्रीट, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। बरसात होते ही फैक्ट्रियों में पानी घुस जाता है। ऐसे में यहां की अधिकांश फैक्ट्रियों उत्पादन ठप हो जा रहा है। रिलेक्सो ने कहा कि इमेज खराब होने के डर से हम अपने एक्सपोर्ट कस्टमर्स को भी यहां नहीं बुला पा रहे हैं। इसका खामियाजा कंपनी को भुगतना पड़ रहा है। रिलेक्सो ने सीएम से एक उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम से निरीक्षण कराने तथा यहां के हालातों में सुधार करवाने की मांग की है। ताकि, औद्योगिक इकाइयों को यहां पर कामकाज करने का माहौल मिल सके। दो साल से चल रहा काम, अब तक 40 फीसद भी नहीं हुआ
जून 2018 में एचएसआइआइडीसी ने एमआइई के विकास कार्याें का टेंडर छोड़ा था। इस टेंडर के अनुसार 32.60 करोड़ रुपये में एमआइई पार्ट ए व बी में सीसी सड़कें व ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने का प्रावधान है। इस टेंडर में ही पूरे क्षेत्र में रि-सर्कुलेशन की पाइपलाइन भी डालने का प्रावधान है। इसमें सीईटीपी से साफ हुए पानी को दोबारा से फैक्ट्रियों में सप्लाई किया जा सकेगा। इस राशि में करीब 10 किलोमीटर लंबी नई सड़कें बनाई जानी हैं, जिससे उद्योगपतियों को काफी राहत मिलेगी। अब तक मात्र साढ़े तीन किलोमीटर ही सड़कें बनाई गई हैं। 14 किलोमीटर स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज लाइन दबानी थी, मगर अब तक 8 किलोमीटर लाइन ही डाली जा सकी है। अगस्त 2018 में यह काम शुरू हो गया था। मगर समय पर पेमेंट न होने की वजह से कई बार यह काम बंद हुआ। कोरोना की वजह से भी कई माह तक यह काम ठप रहा। ठेकेदार ने 8 करोड़ का काम ही किया जा सका है और करीब 7 करोड़ की उसकी पेमेंट हुई है।
एमआइई में अब तेजी से काम हो रहा है। ठेकेदार को काम में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। यहां हालात पहले से ही खराब हैं। हम तो इनमें सुधार कर रहे हैं। बहुत जल्द ही काम युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा।
नवीन कुमार, सहायक प्रबंधक, एचएसआइआइडीसी।
एमआइई के दोनों भागों में सड़कें बदहाल हैं। पानी भरा हुआ है। इससे उद्योगपतियों को काफी परेशानी हो रही है। हमारे भी यहां पर चार प्लांट चल रहे हैं। लगातार बदहाल स्थिति में सुधार कराने के लिए हमने सीएम को पत्र लिखा है।
वरिद्र कुमार, वाइस प्रेसिडेंट, रिलेक्सो, बहादुरगढ़।
एमआइई पार्ट ए व बी के हालातों में सुधार को लेकर हम कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ एचएसआइआइडीसी के एमडी से भी मिल चुके हैं। आश्वासन तो मिलता है लेकिन कार्रवाई ठीक से नहीं हो पा रही है। काम मंद गति से चल रहा है। दो साल से सड़कें व ड्रेनेज सिस्टम का काम नहीं हो पाया है। सड़कें उखड़ी पड़ी हैं। इससे उद्योगपतियों का काम-धंधा प्रभावित हो रहा है।
नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपप्रधान, बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन।