कोरोना की वजह से प्रॉपर्टी का बाजार डाउन, नहीं बढ़ाया गया कलेक्टर रेट
- शहरों में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर महंगाई का नहीं पड़ेगा असर आमजन को मिली राहत
- शहरों में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर महंगाई का नहीं पड़ेगा असर, आमजन को मिली राहत - मार्केट में मंदी के कारण तीन साल से बहादुरगढ़ में नहीं बढ़ पाए कलेक्टर रेट फोटो-5: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
कोरोना महामारी की वजह से मार्केट में चल रही मंदी के कारण बहादुरगढ़ में जमीनों के कलेक्टर रेट नहीं बढ़ाए गए हैं। ऐसे में लोगों को जमीन खरीद-फरोख्त करने के लिए जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी। प्रॉपर्टी बाजार में मंदी के कारण लगातार तीन साल से यहां के कलेक्टर रेटों में वृद्धि नहीं हुई है। ऐसे में आमजन का प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त करने का सपना उन्हें भारी नहीं पड़ेगा। इस साल भी कलेक्टर रेट न बढ़ने से आमजन को राहत मिली है। दरअसल, जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान कलेक्टर रेट व मार्केट रेट पर स्टांप ड्यूटी लगती है। बाजार में अमूमन जमीन का मार्केट रेट ज्यादा होता है और कलेक्टर रेट कम। ज्यादातर लोग मार्केट रेट के बजाय कलेक्टर रेट पर ही रजिस्ट्री कराते हैं, ताकि स्टांप ड्यूटी कम देनी पड़ी। अब तो शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्टांप ड्यूटी एक समान हो गई है। शहरी क्षेत्र में पुरुष के नाम अगर जमीन की खरीद होती है तो सात और महिला के लिए पांच फीसद स्टांप ड्यूटी लगती है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष के लिए पांच तो महिला के लिए तीन फीसद स्टांप ड्यूटी निर्धारित है। करीब एक माह पहले सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की खरीद-फरोख्त में पंचायत फंड के नाम पर दो फीसद अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी बढ़ा दी थी। ऐसे में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में यह ड्यूटी अब एक समान हो गई है। साथ ही रजिस्ट्रेशन फीस भी जमीन की राशि पर तय होती है। अगर कलेक्टर रेट पर जमीन की खरीद होती है तो वह अमूमन कम ही होती है। मार्केट रेट ज्यादा होता है तो लोग कलेक्टर रेट पर रजिस्ट्री करवा लेते हैं, जिससे रजिस्ट्रेशन फीस का स्लैब भी कम लगता है। अगर कलेक्टर रेट बढ़ जाए तो इसका असर स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस पर भी पड़ता है और आमजन को ज्यादा ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी पड़ती है। मगर सरकार ने इस बार भी बहादुरगढ़ का कलेक्टर रेट नहीं बढ़ाया है। ये हैं बहादुरगढ़ में कलेक्टर रेट:
बहादुरगढ़ शहर की रिहायशी कालोनियों में सात हजार रुपये से लेकर 12500 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से कलेक्टर रेट है। सेक्टर क्षेत्रों में 16 से 20 हजार रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से कलेक्टर रेट है। वाणिज्यिक भूमि पर 31500 से लेकर 55000 रुपये प्रति वर्ग गज का कलेक्टर रेट है। औद्योगिक क्षेत्र एमआइई में 14 हजार तो एचएसआइआइडीसी में 12 हजार रुपये प्रति वर्ग गज का कलेक्टर रेट है। बहादुरगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में 12 लाख से 26 लाख रुपये प्रति एकड़ कलेक्टर रेट है। मगर कुछ गांव ऐसे हैं, जिनमें यह कलेक्टर रेट काफी अधिक है। जैसे रोहद व सराय में 42 लाख, जाखौदा में 43 लाख, कसार में 48 लाख प्रति एकड़ का कलेक्टर रेट है। यहां पर प्लाटों का कलेक्टर रेट अलग है। वर्जन..
कोरोना महामारी की वजह से बहादुरगढ़ में प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट नहीं बढ़ाए गए हैं। यहां पर प्रॉपर्टी का बाजार पहले से ही डाउन है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर रेट पुराने ही बरकरार रखे गए हैं। निलौठी समेत दो-तीन गांवों के कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। वह अभी स्वीकृत नहीं हुआ है।
-कनब लाकड़ा, तहसीलदार, बहादुरगढ़।