आधी रात में दो बड़ी लाइनें हुई ठप, 80 फीसद एरिया में 12 घंटे से ज्यादा समय बिजली रही गुल
पिछले 24 घंटे क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पर भारी रहे। आधी रात में क्षेत्र की दो बड़ी लाइनों के तार टूटने के कारण शहर व गांवों का 80 फीसद क्षेत्र बिजली से महरूम रहा। इससे दो लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित हुई।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पिछले 24 घंटे क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पर भारी रहे। आधी रात में क्षेत्र की दो बड़ी लाइनों के तार टूटने के कारण शहर व गांवों का 80 फीसद क्षेत्र बिजली से महरूम रहा। इससे दो लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित हुई।
शहर में तो 12 घंटे बाद सप्लाई चालू हो गई, मगर गांवों में तो और भी ज्यादा समय लगा। इधर, पहले ठीक हुई लाइन में कुछ देर बाद फिर से खराबी आ गई। इस पर दोबारा कई देर काम चला। इस बिजली संकट का उद्योगों से लेकर अस्पतालों तक पर व्यापक असर पड़ा। घरों में बैठे लोग और अस्पताल में मरीज परेशान रहे।
बहादुरगढ़ डिविजन में बिजली की तीन बड़ी लाइनें आती हैं। दो नूना माजरा गांव की तरफ से और एक दिल्ली के नरेला की तरफ से। रात 12 बजे नूना माजरा तरफ की एक लाइन का तार टूट गया। इससे शहर के बड़े हिस्से में सप्लाई ठप हो गई। इसके बाद प्रभावित एरिया को नरेला लाइन से जोड़ा गया, मगर ज्यादा लोड होने के कारण एक घंटे बाद इस लाइन का तार भी टूट गया। इसके बाद तो शहर के साथ-साथ गांवों की सप्लाई भी ठप हो गई। रात में ही इस पर काम शुरू किया गया, मगर बड़ी लाइनों के तार होने के कारण इनको ठीक करने में वक्त लगा। इधर, बिजली निगम अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही लाइन पुरानी हैं। ऐसे में इन लाइनों के तार कमजोर होने के कारण टूटने की नौबत आई। 12 घंटे बाद चालू हुई एक लाइन
एक साथ दो बड़ी लाइनों की बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण रात भर हाहाकार रहा। शहर के कुछ हिस्से में बिजली सप्लाई चालू थी। मगर प्रभावित एरिया में इन्वर्टर भी बंद हो चुके थे। ऊपर से गर्मी। रात भी बेचैनी में कटी। सुबह बिजली का इंतजार शुरू हुआ। नूना माजरा की तरफ की लाइन को तो ठीक करने के बाद करीब 12 बजे सप्लाई चालू हो गई। मगर इसके बाद फिर इस लाइन से जुड़े पावर हाउस में गड़बड़ी आ गई। ऐसे में सेक्टर-2 और ओल्ड पावर हाउस की सप्लाई फिर से ठप हो गई। दूसरी ओर नरेला लाइन की सप्लाई तो दोपहर बाद चालू हो पाई।
अस्पताल में कई घंटे ठप रहे टेस्ट, बीपी जांच तक को भटके मरीज
बिजली आपूर्ति दोपहर 12 बजे तक ठप रही। अस्पताल की ओपीडी आठ बजे शुरू होती है। मगर हालात यह थे कि बिजली न होने से एक्सरे और दूसरे टेस्ट नहीं हो पाए। यहां तक कि अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में मैनुअल ब्लड प्रेशर जांच मशीन न होने के कारण मरीजों तक को भटकना पड़ा। कई मरीज तो ऊपर सर्जिकल वार्ड में मैनुअल मशीन से बीपी टेस्ट कराने पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में केवल इलेक्ट्रिक बीपी जांच मशीन थी। मगर बिजली न होने के कारण वह बंद थी। यह बड़ी अव्यवस्था भी है। सोचिए, बिजली न होने की सूरत में यदि इमरजेंसी में किसी मरीज का ब्लड प्रेशर जांचना पड़े तो क्या नतीजा हो? अस्पताल स्टाफ का कहना था कि मैनुअल बीपी जांच मशीन के लिए डिमांड कर रखी है। रात के समय एक घंटे के अंतराल पर बिजली की दो बड़ी लाइनों के तार टूटने से यह दिक्कत आई। पता लगते ही इस पर काम शुरू किया गया था। दिन में तार जोडे़ गए। उसके बाद बिजली सप्लाई सुचारु हो पाई।
उमेद सिंह, एसडीओ, बिजली निगम