हवा तेज होने से कम हुआ प्रदूषण का स्तर, जनजीवन को राहत, अब स्कूल खुलने का इंतजार
फिलहाल तो नए देश अभी जारी नहीं हुए हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
कई दिन बाद सोमवार को प्रदूषण में कुछ सुधार दिखा। हवा की गति तेज होने के बाद इस दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर 300 के आंकड़े से नीचे आया। इससे जनजीवन को कुछ राहत मिली है। फिलहाल तो नए देश अभी जारी नहीं हुए हैं। स्कूल अभी बंद ही चल रहे हैं। प्रदूषण को लेकर जो भी नियम तय किए गए थे, वहीं लागू रहने का ही आदेश बरकरार है। दिल्ली की तर्ज पर ही प्रदेश सरकार द्वारा फैसला लिया जाना है। जो पाबंदियां थी, वे रविवार तक थी। ऐसे में सोमवार को दिल्ली में तो निर्माण कार्य पर लगी रोक हटा दी गई। हालांकि स्कूल-कालेज खोलने को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि जैसे ही दिल्ली में स्कूल कालेज खोलते हैं तो प्रदेश के चार जिलों में भी वही आदेश लागू किए जाएंगे। इधर, एयर क्वालिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का स्तर सोमवार को 296 दर्ज किया गया। जबकि 24 घंटे पहले ही यह 388 पार था। दरअसल, हवा की गति बढ़ना ही प्रदूषण में कमी का कारण रहा। रविवार को तो 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। जबकि सोमवार को हवा की गति बढ़ गई। इस दिन हवा की गति 18 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। सुबह से ही हवा में यह गति देखने को मिली। दोपहर के समय धूप खिली रही। मौसम साफ नजर आया। आसमान भी नीला दिखा प्रदूषण के कम होने का असर जनजीवन पर भी दिखा। चहल-पहल ज्यादा रही। दिल्ली की तरफ से आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा रही। प्रशासनिक स्तर पर अब अगले आदेशों का इंतजार किया जा रहा है। बता दें कि जैसे ही दिल्ली में प्रदूषण को लेकर प्रभावी कदम उठाए गए थे तो उसी तर्ज पर ही प्रदेश सरकार द्वारा भी प्रदेश के 4 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में आदेश जारी कर दिए गए थे। निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के अलावा स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। 300 से ज्यादा फैक्ट्रियां बंद की गई। हालांकि नियम उल्लंघन पर चालान भी काटे गए। फिलहाल तो स्कूल 14 नवंबर से ही बंद चल रहे हैं और अगले आदेशों तक बंद रहने की सूचना अभिभावकों को दी जा रही है। अब बुधवार से स्कूल खुलने की उम्मीद की जा रही है। अभिभावक भी चिता में है, क्योंकि पहले ही कोरोना वायरस के कारण बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में अब प्रदूषण के कारण एक सप्ताह से स्कूल बंद चल रहे हैं। यह रहा पीएम 2.5 का स्तर :
पीएम का अर्थ है पर्टिकुलेट मैटर। यह हवा में ठोस या तरल रूप में मौजूद अति सूक्ष्म कण हैं। जिन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है उन्हें पीएम 2.5 तथा जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है, उन्हें पीएम 10 कहा जाता है। इन कणों में हवा में मौजूद कार्बन मोनोक्साइड, कार्बनडाइ आक्साइड आदि घुले होते हैं। जिससे यह जहरीला हो जाता है। पीएम 2.5 का स्तर 60 से अधिक होने पर यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। सूक्ष्म कण सांस के लिए जरिये फेफड़ों में पहुंचते हैं, जो रक्त में आक्सीजन की मात्रा को कम कर देते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए।