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बहादुरगढ़ में तीन दिन बाद 300 से कम हुआ प्रदूषण का स्तर, मगर अब भी खराब, स्कूलों की छुट्टियां हुई, सरकारी कर्मचारियों से वाहनों का 30 प्रतिशत प्रयोग कम करने के निर्देश

- प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए नगर परिषद की ओर से मुख्य सड़कों की मशीन से करवाई जा रही सफाई - सड़कों पर नप की ओर से कराया जा रहा पानी का छिड़काव

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 06:07 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 06:07 PM (IST)
बहादुरगढ़ में तीन दिन बाद 300 से कम हुआ प्रदूषण का स्तर, मगर अब भी खराब, स्कूलों की छुट्टियां हुई, सरकारी कर्मचारियों से वाहनों का 30 प्रतिशत प्रयोग कम करने के निर्देश
बहादुरगढ़ में तीन दिन बाद 300 से कम हुआ प्रदूषण का स्तर, मगर अब भी खराब, स्कूलों की छुट्टियां हुई, सरकारी कर्मचारियों से वाहनों का 30 प्रतिशत प्रयोग कम करने के निर्देश

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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छठ पूजा के दौरान आतिशबाजी से बढ़ा प्रदूषण के स्तर तीन दिन बाद रविवार को काफी कम हुआ है। बहादुरगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआइ) जहां 500 माइक्रोग्राम तक जा पहुंचा था और तीन-चार दिन तक लगातार 400 से ज्यादा एक्यूआइ रहा, वहीं रविवार को एक्यूआइ का स्तर 300 से कम आ गया। शनिवार को एक्यूआइ 406 माइक्रोग्राम था और रविवार को यह स्तर 110 माइक्रोग्राम कम होकर 206 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। मगर अब भी प्रदूषण की स्थिति काफी खराब है। सरकार ने 17 नवंबर तक तीन दिन के लिए स्कूलों की छुट्टियां कर दी हैं। लोगों से आउटडोर एक्टिविटी कम से कम करने को कहा जा रहा है। साथ ही सरकारी कर्मचारियों से भी वाहनों का प्रयोग 30 प्रतिशत कम करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) के तहत कुछ बंदिशें और लगा दी हैं। डीजल जनरेटर सेट के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर लगातार निगरानी रखने हुए उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे धुएं व धूल बढ़ाने वाले काम पर फिलहाल रोक लगा लें ताकि प्रदूषण की स्थिति और ना बिगड़े। उधर, नगर परिषद की ओर से रात के समय सड़कों की सफाई मशीन से कराई जा रही है। साथ ही दिन में सड़कों पर पानी का भी छिड़काव किया जा रहा है। अब ग्रेप के दौरान इन नियमों की करनी होगी पालना:

- सफाई के काम में करना होगा मशीनों का प्रयोग

- सड़कों पर पानी का छिड़काव

- धूल छोड़ने वाली गतिविधियों पर रोक

- बिजली की निर्बाध सप्लाई देनी होगी ताकि जनरेटर का प्रयोग कम हो

- आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के प्रयोग पर रोक लगानी होगी

- पार्किंग फीस तीन-चार गुणा बढ़ानी होगी

- बस व मेट्रो की सेवाओं बढ़ानी होंगी

- होटलों व खुले भोजनालयों में कोयले व लकड़ी के प्रयोग पर पाबंदी लगानी होगी आम जनता से की गई ये अपील:

- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सुरक्षा में लगे सिक्योरिटी स्टाफ को हीटर मुहैया कराएं ताकि वे अलाव न जलाएं

- वाहनों का प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र अपडेट रखें

- कार, बाइक स्कूटर को दुरुस्त रखें और उनके टायरों में हवा पूरी रखें

- अपनी लेन में ही वाहन चलाएं

- प्राइवेट वाहनों का कम से कम प्रयोग करें

- खुले में कूड़ा न फेंकें

- खुले में कूड़ा न जलाएं

- जनवरी माह तक धूल छोड़ने वाली निर्माण गतिविधि पर रोक लगाई जाए वर्जन.

कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। ऐसे में सीपीसीबी ने ग्रेप के दौरान कुछ और बंदिशें लगा दी हैं। बोर्ड की ओर से पहले ही 20 विभागों को पत्र लिखकर इन नियमों की पालना कराने के निर्देश दे रखे हैं।

-दिनेश यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़।


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