लॉकडाउन में रोजगार छूटा तो भ्रूण लिग जांच के नाम पर करने चले थे खेल
झज्जर व गुरुग्राम की संयुक्त टीम द्वारा बहादुरगढ़ में पकड़े गए भ्रूण लिग जांच के मामले में अभी तक की जांच के बाद पुलिस कुछ और ही कह रही है। इस मामले में दूसरे आरोपित सुरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इसे भ्रूण लिग जांच का नहीं बल्कि भ्रूण लिग जांच की आड़ में धोखाधड़ी का खेल बताया है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : झज्जर व गुरुग्राम की संयुक्त टीम द्वारा बहादुरगढ़ में पकड़े गए भ्रूण लिग जांच के मामले में अभी तक की जांच के बाद पुलिस कुछ और ही कह रही है। इस मामले में दूसरे आरोपित सुरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इसे भ्रूण लिग जांच का नहीं, बल्कि भ्रूण लिग जांच की आड़ में धोखाधड़ी का खेल बताया है।
कहा जा रहा है कि दोनों आरोपितों का लॉकडाउन में रोजगार छूट गया था। वे अब भ्रूण लिग जांच के नाम पर खेल करके पैसा जुटाना चाहते थे। उनका किसी डाक्टर से संपर्क नहीं था। सामान्य अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद कुछ भी रिपोर्ट बताकर वे पैसा हजम करने की फिराक में थे। पूछताछ में डाक्टर के साथ संपर्क का अभी तक सुबूत नहीं मिला है। पहले पकड़े गए आरोपित राजेश का दो दिन का रिमांड भी पूरा हो गया। ऐसे में सोमवार को दोनों को एक साथ अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। राजेश उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। जबकि सुरेंद्र बिहार के हाजीपुर जिले के अनरा का रहने वाला है। फिलहाल वह परनाला गांव में किराये पर रह रहा था। पकडे़ गए आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि वे भ्रूण लिग जांच के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले थे। भ्रूण लिग जांच के लिए किसी डाक्टर के संपर्क में नहीं थे। हालांकि अभी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है। अभी तक की जांच में यह भ्रूण लिग जांच की आड़ में धोखे से पैसे जुटाने का जरिया लग रहा है।
मनोज कुमार, एसएचओ, शहर थाना।