बहादुरगढ़ के अभिभावकों ने फीस माफ कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
बहादुरगढ़ अभिभावक संघर्ष संघ से नीरज गौतम प्रदीप गुप्ता अंजू दहिया आशीष भारद्वाज राम अवतार रवि देशवाल उमेश वर्मा भारत नागपाल व प्रदीप खत्री ने इस बार स्कूल फीस माफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: बहादुरगढ़ अभिभावक संघर्ष संघ से नीरज गौतम, प्रदीप गुप्ता, अंजू दहिया, आशीष भारद्वाज, राम अवतार, रवि देशवाल, उमेश वर्मा, भारत नागपाल व प्रदीप खत्री ने इस बार स्कूल फीस माफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
कई महीनों से बहादुरगढ़ अभिभावक संघर्ष संघ के सदस्य विद्यालयों द्वारा अप्रैल, मई और जून महीनों की पूरी स्कूल फीस मांगने को लेकर बहादुरगढ़ के अभिभावकों के साथ कई स्कूलों में गए और विद्यालय के प्रधानाचार्योऔर अध्यापकों से बात की। मगर निराशा ही मिली। विद्यालय के प्रधानाचार्यों का कहना है कि आपको अप्रैल, मई और जून महीनों की पूरी स्कूल फीस भरनी होगी अन्यथा आपके बच्चों का विद्यालय से नाम काट दिया जाएगा। ऐसा सुनने पर अभिभावकों द्वारा विद्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया जाने पर भी विद्यालयों पर कोई असर नहीं हुआ। तब हरियाणा के अन्य शहरों के अभिभावकों ने हाईकोर्ट में याचिका डाली परंतु हाईकोर्ट का भी फैसला विद्यालयों के हक में ही आया। अब इस मांग को लेकर संघ के सदस्य सुप्रीम कोर्ट में देश के सभी अभिभावकों की तरफ से याचिका डाल चुके हैं जिसका केस डेरी नंबर 18484 -2020 है। सभी अभिभावकों ने एक स्वर में इस बात पर चर्चा करते हुए अपनी बात रखी कि लॉकडाउन के दौरान मध्यम व्यापारी वर्ग, नौकरीपेशा करने वाले लाखों लोग कोरोना महामारी के चलते अपने काम धंधों में भारी घाटे के कारण सरकार द्वारा बिजली बिल, बंद दुकानों के किराये, कर्जो की देनदारी से पहले से ही परेशान थे। ऊपर से सरकार निजी स्कूलों की फीस को लेकर दिए गए अपने ही आदेशों को सख्ती से लागू नहीं करवा पा रही है। इससे अभिभावकों में फीस को लेकर भारी संशय व आक्रोश की स्थिति बनी हुई है। अब जब सर्वविदित है कि सभी स्कूल एक अक्टूबर से पहले तो नहीं खुलने वाले, तो उसके बाद की भी स्थिति अभी स्पष्ट नजर नहीं आ रही कि स्कूल खुलेंगे या नहीं।