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अब निर्माण और तोड़फोड़ के मलबे का भी होगा उचित निस्तारण, गांव सौलधा में लीज पर ली पांच एकड़ जमीन

- सालाना 60 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से लीज पर ली गई है जमीन

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:50 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:50 AM (IST)
अब निर्माण और तोड़फोड़ के मलबे का भी होगा उचित निस्तारण, गांव सौलधा में लीज पर ली पांच एकड़ जमीन
अब निर्माण और तोड़फोड़ के मलबे का भी होगा उचित निस्तारण, गांव सौलधा में लीज पर ली पांच एकड़ जमीन

- सालाना 60 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से लीज पर ली गई है जमीन

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- यहां पर शहर से निकलने वाले कंस्ट्रक्शन एंड डीमोलिशन वेस्ट का किया जाएगा निस्तारण जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

शहर को कूड़ा मुक्त बनाने की दिशा में नगर परिषद ने एक कदम और बढ़ा दिया है। स्वच्छ शहर की कसौटी पर खरा उतरने के लिए नप की ओर से अब भवन निर्माण और तोड़फोड़ के बाद निकलने वाले मलबे का भी उचित निस्तारण करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शहर से करीब दस किलोमीटर दूर गांव सौलधा में पांच एकड़ जमीन लीज पर ली है। 60 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से किराये पर यह जमीन ली गई है। यानि साल में तीन लाख रुपये की राशि किराये के तौर पर नप इस जमीन का भुगतान करेगी। नप ने इस जमीन की चहारदीवारी करने के लिए करीब 20 लाख रुपये का टेंडर लगाया है। चहारदीवारी होने के बाद यहां पर मलबे का उचित निस्तारण करना शुरू कर दिया जाएगा। यह मलबा लैंड फिल के रूप में काम करेगा। इस मलबे का कोई दूसरा प्रयोग अब तक संभव नहीं हुआ है। वहीं इसके अलावा घरों से निकलने वाले कूड़े का नया गांव स्थित डंपिग स्टेशन पर खाद बनाने का प्लांट लगा दिया है। वैज्ञानिक तरीके से इस कूड़े का करीब 20 करोड़ की लागत से प्लांट लगाया गया है। करीब डेढ़ साल में यहां पर 200 टन से अधिक कूड़े का निस्तारण टेंडर लेने वाली एजेंसी की ओर से किया जाएगा। शहर में नहीं थी जमीन, इसीलिए सौलधा में लीज पर लेनी पड़ी पांच एकड़:

दरअसल, शहर में घरों में तोड़फोड़ और निर्माण करने के दौरान भारी मात्रा में मलबा निकलता है। नगर परिषद मकान बनाने वालों से इस मलबे को ठिकाने लगाने के लिए मलबा शुल्क वसूल करती है। ऐसे में शहर में विभिन्न कालोनियों से तोड़फोड़ और भवन निर्माण के दौरान इकट्ठा होने वाले मलबे का निस्तारण करने के लिए कोई जमीन नहीं थी। इस मलबे को लैंड फिल की तरह प्रयोग किया जाता है। शहर में जमीन न होने की वजह से नप को पांच एकड़ जमीन गांव सौलधा में लीज पर लेनी पड़ी। इसके लिए सालाना तीन लाख रुपये की राशि बतौर किराया नप की ओर से दिया जाएगा। वर्जन..

भवन निर्माण और तोड़फोड़ के बाद निकलने वाले मलबे का उचित निस्तारण करने के लिए गांव सौलधा में पांच एकड़ जमीन लीज पर ली गई है। 60 हजार रुपये सालाना प्रति एकड़ की दर से इस जमीन का किराया नप की ओर से दिया जाएगा। इस जमीन की चहारदीवारी करने के लिए करीब 20 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इसके लिए टेंडर लगा दिया गया है। जल्द ही यह कार्य पूरा होने के बाद यहां पर भवन निर्माण व तोड़फोड़ का मलबा डालना शुरू कर दिया जाएगा।

------मुकेश कुमार, सचिव, नगर परिषद, बहादुरगढ़।


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