हस्तशिल्प कला की ऊंचाइयों को नाबार्ड देगा नया आसमां
शहर और गांवों की जमीन से निकलती हस्तशिल्प कला को तराशने के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) अब नई पहल करने जा रहा है। गैर कृषि आधारित उत्पादक कंपनी के गठन रूप में नाबार्ड शिल्पकारों को ऐसा आसमां देने की योजना पर काम कर रहा है जहां इस कला को नई ऊंचाइयां मिल सके और अलग-थलग की जगह समूची शिल्प कला संगठित रूप में सहेजी जाए।
प्रदीप भारद्वाज, बहादुरगढ़ :
शहर और गांवों की जमीन से निकलती हस्तशिल्प कला को तराशने के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) अब नई पहल करने जा रहा है। गैर कृषि आधारित उत्पादक कंपनी के गठन रूप में नाबार्ड शिल्पकारों को ऐसा आसमां देने की योजना पर काम कर रहा है, जहां इस कला को नई ऊंचाइयां मिल सके और अलग-थलग की जगह समूची शिल्प कला संगठित रूप में सहेजी जाए, ताकि रोजगार की संभावनाएं बढ़ें।
नाबार्ड ने इस तरह की उत्पादक कंपनी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे एक-एक करके प्रदेश के सभी जिलों में लकड़ी और मिट्टी से कलाकृतियां तैयार करने वाले कलाकारों को जोड़ा जाएगा। शुरूआत झज्जर से होनी प्रस्तावित है। योजना को शीर्ष स्तर पर जल्द मंजूरी की उम्मीद है। यह मिलेगा फायदा :
हस्तशिल्प प्राचीन कला है। फिलहाल लकड़ी पर नक्काशी और मिट्टी यानी टेरेकोटा से कृतियां तैयार करने वाले कलाकार तो हैं, मगर एक मजबूत प्लेटफार्म न मिलने से इन कलाओं में संभावनाएं सीमित हैं। अब नाबार्ड ऐसे कलाकारों को संगठित करके एक कंपनी स्थापित करने को प्रयासरत है, ताकि कला को प्रोत्साहन तो मिले ही, कलाकारों को कद्रदान भी मिले और रोजगार के अवसर बढ़े। प्रस्तावित कंपनी योजना में डिजाइन विकास, साझा सुविधा केंद्र, कच्चे माल के लिए डिपो, साझा नाम जैसे ब्रांडिग के बिदु हैं। इस पूरे कंसेप्ट का प्रपोजल तैयार करके भेजा गया है। झज्जर जिले में भी युवाओं को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव की मिलेगी ट्रेनिग
शिक्षित बेरोजगारों को कस्टमर केयर एग्जीकयूटिव के तौर पर नौकरी मिल सके, इसके लिए भी नाबार्ड की तरफ से तीन महा की ट्रेनिग का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। रोहतक में इस तरह की ट्रेनिग के तीन कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं। अब नाबार्ड झज्जर जिले में भी 30 युवाओं को इस तरह की ट्रेनिग की प्लानिग कर रहा है। दिल्ली और गुरुग्राम नजदीक होने के कारण यहां के युवाओं को इस ट्रेनिग के बाद रोजगार के अवसर मिल जाते हैं। वर्जन..
कलाकारों को प्रोत्साहन देने और बेरोजगारों को प्रशिक्षित बनाने की दिशा में नाबार्ड ने कदम बढ़ाए हैं। युवाओं को ट्रेनिग के कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहे हैं। अब लकड़ी और मिट्टी से कृतियां तैयार करने वाले कलाकारों का समूह बनाने की योजना है, ताकि नाबार्ड के सहयोग से यह कला और ऊंचाइयों पर पहुंच सके।
--विजय राणा, डीजीएम, नाबार्ड