Move to Jagran APP

डंपिग स्टेशन पर एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार, गीले कूड़े से बनेगी खाद, सूखे का होगा उचित निस्तारण, नप बढ़ाएगी आय

- शहर में हर रोज जनरेट होने वाले कूड़े का सेग्रीगेशन कर रिसायकल होने वाली चीजों को अलग से एकत्रित किया जा रहा है

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 06:50 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 06:50 AM (IST)
डंपिग स्टेशन पर एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार, गीले कूड़े से बनेगी खाद, सूखे का होगा उचित निस्तारण, नप बढ़ाएगी आय
डंपिग स्टेशन पर एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार, गीले कूड़े से बनेगी खाद, सूखे का होगा उचित निस्तारण, नप बढ़ाएगी आय

- शहर में हर रोज जनरेट होने वाले कूड़े का सेग्रीगेशन कर रिसायकल होने वाली चीजों को अलग किया जा रहा इकट्ठा - प्लास्टिक, शीशे की बोतल, रद्दी कागज, गत्ता, रैपर आदि सामान को अलग-अलग इकट्ठा करके उसे रिसायकलर को बेचकर मुनाफा कमाएगी नगर परिषद फोटो-43: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: नगर परिषद की ओर से अब कूड़े से आय बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। गीले कूड़े से नप की ओर से खाद बनाई जाएगी तो सूखे कूड़े से रिसायकल होने वाली चीजों को नया गांव स्थित डपिग स्टेशन पर अलग-अलग इकट्ठा करके उसे रिसायकलरों को बेचा जाएगा। इसके लिए नप की ओर से नया गांव स्थित डपिग स्टेशन पर मेटीरियल रिकवरी फैसिलिटेशन सेंटर(एमआरएफएस) बनाया गया है। घर-घर से कूड़ा उठान करते समय गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग से लिया जाएगा। यह प्रक्रिया नप ने शुरू कर दी है। गीले कूड़े से नप खाद तैयार करेगी। वहीं सूखे कूड़े को डपिग स्टेशन पर बने एमआरएफ सेंटर पर ले जाकर उसे अलग-अलग किया जाएगा। इस कूड़े में से रिसायकल होने वाली चीज जैसे प्लास्टिक व उससे बनी बोतल, शीशा, रद्दी कागज, गत्ता, डिस्पोजल सामान आदि को अलग-अलग इकट्ठा किया जाएगा। फिर यह सामान ज्यादा मात्रा में होने पर रिसायकलर को इसे बेच दिया जाएगा। इस मद से होने वाली आय को शहर की स्वच्छता पर ही खर्च किया जाएगा। हर रोज जनरेट होता है करीब 80 टन कूड़ा, इसमें 45 टन होता है रिसायकल होने वाला सामान:

prime article banner

हर रोज शहर से करीब 80 टन कूड़ा जनरेट होता है। इसमें करीब 45 टन कूड़ा ऐसा होता है जो रिसायकल किया जा सकता है। बस इसे सेग्रीगेशन करने की जरूरत है। अब तक इस कूड़े का सेग्रीगेशन न होने की वजह से डपिग स्टेशन पर ही डाल दिया जा रहा है, जिससे स्टेशन पर कूड़े का पहाड़ सा बन गया था। वहीं इस कूड़े में काफी मात्रा में ऐसा गीला कूड़ा जिससे खाद बनाई जा सकती है। इसमें अधिकांश मात्रा में डेयरियों से निकलने वाले गोबर और खाद्य पदार्थों की होती है। अब सूखा कूड़ा डपिग स्टेशन पर पहुंचते ही यहां पर रैग पिकर की मदद से इसकी छंटनी करवाई जाएगी, जिसके बाद इसे रिसायकलर को आसानी से बेचा जा सकेगा। डपिग स्टेशन पर पड़े लाखों टन कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निपटान जारी:

डंपिग साइट पर 2004 से लेकर अब तक 1.33 लाख टन कूड़ा पड़ा है। ऐसे में इस कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जा रहा है। करोड़ों की लागत से यहां पर नप की ओर से एक एजेंसी को ठेका दिया गया है, जो हर रोज यहां पर करीब 300 टन कूड़े का उपचार करके उचित निपटान कर रही है। वर्जन..

नया गांव स्थित डंपिग स्टेशन पर नप की ओर से एमआरएफ सेंटर बनाया गया है। यहां पर शहर से इकट्ठा होने वाले सूखे कूड़े में शामिल रिसायकल होने वाली चीजों को अलग-अलग इकट्ठा करके उसे रिसायकलरों को दिया जाएगा। इससे एक तो नप को आय होगी और दूसरा कूड़े का उचित निष्पादन होगा। इसके अलावा गीले कड़े से खाद बनाई जाएगी।

-नवीन धनखड़, कार्यकारी अभियंता, नगर परिषद, बहादुरगढ़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.