ट्रांसपोर्टरों को रोजाना एक करोड़ से अधिक नुकसान, आटो मार्केट में भी पसरा है सन्नाटा
किसान आंदोलन का यहां के टांसपोर्ट व्यवसाय पर व्यापक असर पड़ रहा है। रास्ते बंद हैं और कई हजार उद्योगों में उत्पादन नहीं हो रहा इसलिए मालवाहक वाहनों के भी पहिये थमे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
किसान आंदोलन का यहां के टांसपोर्ट व्यवसाय पर व्यापक असर पड़ रहा है। रास्ते बंद हैं और कई हजार उद्योगों में उत्पादन नहीं हो रहा, इसलिए मालवाहक वाहनों के भी पहिये थमे हुए हैं। अनुमानित रूप से इस व्यवसाय को रोजाना बहादुरगढ़ में एक करोड़ से अधिक नुकसान पहुंच रहा है। इधर, वाहन नहीं चल पा रहे, इसलिए ऑटो मार्केट भी ठंडी पड़ी है। वहां पर एक सप्ताह से काम ही नहीं आ रहा है।
बहादुरगढ़ में इस समय 16 ट्रांसपोर्ट यूनियन हैं और इनमें 10 हजार से ज्यादा वाहन हैं। पूरे क्षेत्र में सभी उद्योगों को मिलाकर आंदोलन से पहले करीब डेढ़ हजार वाहन रोजाना लोड हो रहे थे। अकेले आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में रोजाना 300 से ज्यादा वाहन निकलते हैं। मगर यह औद्योगिक एरिया लगभग ठप है। इसलिए ट्रांसपोर्ट को नुकसान पहुंच रहा है। मगर यहां के ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि नुकसान भले ही हो, लेकिन वे किसानों के साथ हैं। यहां के ट्रांसपोर्टर राजेश दलाल व संजीव मलिक ने कहा कि देश का अन्नदाता परेशान है। इसलिए सभी को उसके साथ खड़ा होने की जरूरत है। कृषि ही देश की रीड और जीवनरेखा है। ऑटो मार्केट में खाली बैठे हैं दुकानदार और मैकेनिक
हजारों गाड़ियों के पहिये थमे हुए हैं इसलिए मालवाहक वाहनों से जुड़ी ऑटो मार्केट में काम नहीं आ रहा है। टायर रिसोल, मैकेनिक, इंजन ऑयल और स्पेयर पार्ट से जुड़े दुकानदार खाली बैठे हैं। मैकेनिकों के पास भी काम नहीं है। फैक्ट्रियों में उत्पादन नहीं। रास्ता बंद है इसलिए दिल्ली से जुड़ी तमाम लोडिग-अनलोडिग रुकी हुई है।