छठ पर्व मनाने के लिए रविवार को होगी बैठक, घाट पर फैली गंदगी, उत्सव मनाने के लिए डीसी से मांगी जाएगी अनुमति
- पूर्वांचल सेवा समिति ने एसडीएम से मांगी थी अनुमति मगर उन्होंने कहा कि इस बारे में डीसी से करें बात -महावीर पार्क छोटूराम नगर दुर्गा कालोनी लाइनपार क्षेत्र माया विहार व पटेल नगर में बनते हैं छठ पूजा घाट - अपने घर भी लौट रहे हैं पूर्वांचल वासी ट्रेनों में सीटें फुल
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
छठ पर्व को लेकर पूर्वाचल की तरफ जाने वाली ट्रेनों में इन दिनों भीड़ है। टिकट रिजर्वेशन के लिए भी मारामारी चल रही है। बहुत से पूर्वांचल वासी बसों से ही लौट रहे हैं। इस बीच बाजारों पर इस पर्व का रंग चढ़ने लगा है। छठ पर्व की तैयारियां स्थानीय स्तर पर शुरू हो गई हैं। राष्ट्रीय पूर्वांचल परिवार व पूर्वांचल सेवा समिति की तरफ से छठ पूजा की तैयारी चल रही है। रविवार को राष्ट्रीय पूर्वांचल परिवार के सदस्यों की बैठक भी होगी। बैठक में छठ पर्व उत्सव मनाने की अनुमति, तैयारियों, पूजा घाटों की सफाई कराने, पानी का प्रबंध करने समेत अन्य तैयारियों को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही छठ पूजा उत्सव मनाने के लिए डीसी से अनुमति भी ली जाएगी। परिवार के सदस्यों ने एसडीएम से यह उत्सव मनाने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्होंने इस बारे में डीसी से ही अनुमति लेने की बात कही है। छठ पूजा उत्सव की शुरुआत आठ नवंबर को नहाय-खाय से होगी। नौ नवंबर को खरना है और 10 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य। 11 नवंबर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। ऐसे में इस पर्व को परिवार के साथ मनाने के लिए पूर्वांचल के लोगों का घर लौटने का सिलसिला जारी है। काफी लोग तो दिवाली से पहले ही लौट जाएंगे। महाबीर पार्क स्थित छठ पूजा घाट में फैली गंदगी:
महाबीर पार्क के पास नहर में छठ पूजा घाट बनाया जाता है। यहां पर छठ पूजा का मेला लगता है। यहां पर भारी संख्या में पूर्वांचल के लोग छठ पूजा करते हैं। मगर यहां बनाए गए घाट पर गंदगी की भरमार है। ऐसे में राष्ट्रीय पूर्वांचल परिवार के सदस्य प्रदीप सिन्हा, राजेश खत्री आदि ने इस घाट की सफाई कराने तथा यहां पर छठ पूजा वाले दिन पानी व लाइट का प्रबंध करने की मांग की है। यह है छठ पूजा का शेडयूल:
छठ पूजा का प्रारंभ नहाय खाय से होता है। इस वर्ष नहाय खाय आठ नवंबर को होगा। छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता है, जो इस वर्ष नौ नवंबर को है। खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। खरना छठ पूजा का महत्वपूर्ण दिन होता है। खरना वाले दिन व्रत रखा जाता और रात में खीर खाकर फिर 36 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है। खरना के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है। खरना के अगले दिन छठी मैया और सूर्य देव की पूजा होती है। इस साल छठ पूजा 10 नवंबर को है। छठ पूजा के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।