आंदोलन स्थल के पास कई समस्याएं, पीड़ा भी बयां नहीं कर पा रहे लोग
कुछ समस्याएं ऐसी हैं जो इस आंदोलन के कारण उपजी हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते उद्यमियों, व्यापारियों और दुकानदारों का आर्थिक नुकसान तो पहले दिन से ही हो रहा है और निरंतर यह बढ़ भी रहा है, मगर कुछ समस्याएं ऐसी हैं, जो इस आंदोलन के कारण उपजी हैं। उनको बयां करना भी मुश्किल हो रहा है और दूर कर पाना भी। प्रभावित लोगों के सामने स्थिति ऐसी है कि किससे कहें और किससे न कहें। दअरसल जहां ज्यादा परेशानी है, वह हिस्सा दिल्ली में है। यहीं पर किसानों की सभा का पंडाल है। इसके इर्द-गिर्द तंबू बढ़ते ही जा रहे हैं। पांच पेट्रोल पंप इस आंदोलन से घिरे हैं। आसपास की दुकानों पर ग्राहक न के बराबर हैं। इधर, किसानों से बात करो तो वे अपनी मजबूरी जताते हैं। ये हैं समस्याएं
1. जहां सभा स्थल है, वहां सीवर लाइन नहीं है। कई प्रतिष्ठानों में शौचालयों के गड्ढे भरे पड़े हैं। सेप्टिक टैंक लेकर आने से ट्रैक्टर चालक बचते हैं। कई प्रतिष्ठानों के शौचालयों को आंदोलन में आई महिलाएं इस्तेमाल करती हैं। मानवीय दष्टि से इसके लिए उन्हें कोई रोकता भी नहीं। मगर इससे गड्ढे भर गए हैं, जो आसानी से खाली नहीं हो पा रहे। गंदे पानी की निकासी की भी यहां पर व्यवस्था नहीं है। आंदोलन के चलते गंदा पानी ज्यादा निकल रहा है।
2. आसपास की पोल लाइट खराब हो गए हैं। उनसे बिजली लेने के लिए तार जोड़ने की कवायद में अनेकों जगह कटे लगे हैं। इससे लाइटें बंद हैं। तारों में कट से हादसे की संभावना भी बनी रहती है।
3. यहा पर दिल्ली सरकार के अनेकों मोबाइल टॉयलेट हैं। मगर काफी किसान उनका इस्तेमाल नहीं करते। खुले में लघुशंका से गंदगी फैल रही है।
4. आसपास में पेट्रोल पंप हैं। ये पूरी तरह घिरे हैं। यहां पर लगे तंबुओं के पास किसी भी समय आग जलाकर खाना पकाने और पानी गर्म करने से परेशानी आ सकती है।