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उत्तरी बाईपास : सिचाई विभाग मुख्यालय ने दी प्रोजेक्ट को हरी झंडी, डिजाइन मंजूर

दो चरणों में करीब पौने तीन सौ करोड़ से बनने वाले उत्तरी बाईपास के प्रोजेक्ट को सिचाई विभाग मुख्यालय ने हरी झंडी दे दी है। ड्रेन की सीसी रिटेनिग वाल के निर्माण का डिजाइन मंजूर हो गया है। अब इस पर विभाग अगली कवायद शुरू करेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:30 AM (IST)
उत्तरी बाईपास : सिचाई विभाग मुख्यालय ने दी प्रोजेक्ट को हरी झंडी, डिजाइन मंजूर
उत्तरी बाईपास : सिचाई विभाग मुख्यालय ने दी प्रोजेक्ट को हरी झंडी, डिजाइन मंजूर

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : दो चरणों में करीब पौने तीन सौ करोड़ से बनने वाले उत्तरी बाईपास के प्रोजेक्ट को सिचाई विभाग मुख्यालय ने हरी झंडी दे दी है। ड्रेन की सीसी रिटेनिग वाल के निर्माण का डिजाइन मंजूर हो गया है। अब इस पर विभाग अगली कवायद शुरू करेगा।

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यह बाईपास दो फेज में बनना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से पिछले कार्यकाल में इसके लिए घोषणा की गई थी। पहले चरण के लिए 149.55 करोड़ रुपये मंजूर हो रखे हैं। इससे आसौदा में खरखौदा रोड से लेकर बहादुरगढ़ शहर में नाहरा-नाहरी रोड तक काम होगा। दूसरे चरण के लिए 124.33 करोड़ का एस्टीमेट मंजूर हुआ है। इससे नाहरा-नाहरी रोड से लेकर सेक्टर-9 मोड़ तक सड़क बनेगी। सिचाई विभाग से डिजाइन मंजूर

दरअसल, उत्तरी बाईपास में सड़कों का निर्माण तो पीडब्ल्यूडी बीएंडआर को करना है। मगर बीच में जो 15 मीटर चौड़ी ड्रेन रहेगी उसके दोनों तरफ रिटेनिग वाल का निर्माण सिचाई विभाग करेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि ड्रेन की प्रॉपर्टी सिचाई विभाग के मातहत आती है। पहले ड्रेन की सीसी लाइनिग वी-शेप में होनी थी। इससे दोनों तरफ सड़कों के लिए जगह साढ़े पांच मीटर ही बच रही थी। मगर मुख्यमंत्री की ओर से दोनों तरफ सीधी दीवार बनाने की सलाह दी गई। इससे डिजाइन बदल गया और दोनों तरफ साढ़े पांच की बजाय नौ-नौ मीटर की सड़क बनाने का रास्ता खुल गया। ऐसे में नया डिजाइन सिचाई विभाग की ओर से मुख्यालय भेजा गया था। अब यह मंजूर हो गया है। बीएंडआर विभाग तो अपनी तैयारी पूरी करके बैठा है। जैसे-जैसे रिटेनिग वाल बनेंगी, वैसे-वैसे दोनों तरफ सड़कों का काम भी शुरू हो जाएगा। 15 मीटर चौड़ी ड्रेन को बीच से कच्चा ही छोड़ा जाएगा। आरओबी के अलावा बनेंगे 10 ब्रिज

बाईपास के लिए सबसे पहले तो 111 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। निर्माण शुरू कराने के लिए विभाग टेंडर भी जारी कर चुका था, मगर मुख्यमंत्री ने जनता की मांग पर इस बाईपास को दोनों तरफ मुख्य सड़कों तक मिलाने और इसको चौड़ा करने के आदेश दिए थे। इससे लागत बढ़ गई। ऐसे में बीएंडआर की ओर से टेंडर को दोबारा जारी करने की कवायद चल रही है। नाहरा-नाहरी रोड से सेक्टर 9 बाईपास चौक के बीच मुंगेशपुर ड्रेन को रेलवे लाइन भी क्रॉस करती है। ऐसे में यहां पर आरओबी बनेगा। उसके बाद इस बाईपास पर 10 ब्रिज और बनने हैं। अकेले रेलवे ओवर ब्रिज की लागत ही लगभग 50 करोड़ आंकी जा रही है। ड्रेन में सीसी लाइनिग की जगह रिटेनिग वॉल बनाई जाएगी। यह काम सिचाई विभाग को करना है। उसका डिटेल एस्टीमेट और डिजाइन मुख्यालय से मंजूर हो गया है। अब इस पर अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

एमपी तंवर, एक्सईएन, सिचाई विभाग प्रदीप।


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