बारिश के बाद खेतों में पनपे ग्रास हॉपर, फसलों में पहुंचा रहे नुकसान
बारिश के बाद अब खेतों में ग्रास हॉपर पनप गए हैं। हैं तो ये भी टिड्डी का ही एक रूप मगर दल के रूप में नहीं हैं और न ही किसी अन्य एरिया से यहां पर आए हैं। संख्या भी उतनी नहीं है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बारिश के बाद अब खेतों में ग्रास हॉपर पनप गए हैं। हैं तो ये भी टिड्डी का ही एक रूप, मगर दल के रूप में नहीं हैं और न ही किसी अन्य एरिया से यहां पर आए हैं। संख्या भी उतनी नहीं है।
इस बार बारिश के बाद नमी का मौसम मिला है तो जमीन में दबे अंडों से ये यहीं पर पैदा हो गए हैं और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। खासकर ज्वार और बाजरा की फसलों के पत्ते चट किए जा रहे हैं। जिले में तो टिड्डी दल एक-दो बार दाखिल हो चुका है, मगर अभी तक बहादुरगढ़ की तरफ नहीं आया है। मौसमी कारणों से ग्रास हॉपर यहीं पर पनप गया है। अब तक अच्छी खासी बारिश हो चुकी है। यह इसी का नतीजा है। जो जमीनें खाली पड़ी हैं, वहीं पर ये पनप रहे हैं। इसका असर फसलों पर पड़ रहा है। रातों-रात फसल के पत्ते खाए जा रहे हैं। टिड्डी दल के मुकाबले तो इनका नुकसान कम है, मगर फसलों के लिए हानिकारक तो बन ही रहे हैं। संख्या बढ़ेगी तो नुकसान भी बढ़ेगा :
माना जा रहा है कि अभी तो ग्रास हॉपर पनपा है। कुछ दिनों में संख्या में और इजाफा होने की संभावना है। उससे नुकसान का दायरा बढ़ सकता है। हालांकि कृषि विभाग के अनुसार टिड्डी दल के मुकाबले इनकी रोकथाम आसान है। दवा के छिड़काव से इसके प्रकोप को रोका जा सकता है। जहां घास-फूस उगी हुई है, वहां पर ये दिखाई दे रहे हैं। किसानों को ग्रास हॉपर की रोकथाम के लिए सलाह दी जा रही है। इन दिनों में इनके पनपने की संभावना रहती ही है। मौसमी परिस्थितियां इस बार अनुकूल बनने से ये पनप गए हैं। इससे नुकसान तो होता है, मगर टिड्डी दल के मुकाबले कहीं कम होता है।
डा. देवराज ओहल्याण, तकनीकी सहायक, कृषि विभाग।