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जीएम बोले-लाइसेंस दिखाओ, बस लेकर रूट पर जाओ

जीएम बोले लाइसेंस दिखाओ, बस लेकर रूट पर जाओ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 12:04 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 12:04 AM (IST)
जीएम बोले-लाइसेंस दिखाओ, बस लेकर रूट पर जाओ
जीएम बोले-लाइसेंस दिखाओ, बस लेकर रूट पर जाओ

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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कर्मचारियों के आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार और विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। कई दिनों से रोडवेज बसों को चलाने में असफल रहे अधिकारियों ने मंगलवार को बहादुरगढ़ में भी भर्ती शुरू कर दी। यहां खुद जीएम बस स्टैंड में खड़े हो गए और मात्र लाइसेंस दिखाने वालों को ड्राइ¨वग के लिए बस सौंपते चले गए। एक-एक करके अकेले बहादुरगढ़ में ही 30 से ज्यादा ड्राइवरों का सीधे रूट पर भेज डाला। अब इनके कागजात जमा करवाकर भर्ती की आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी। यहां से शाम तक 42 बसों को सड़कों पर उतार दिया गया। शुरूआत में तो आधे से ज्यादा बसें बिना परिचालक के ही चली। बाकी पर जो परिचालक थे, वे होमगार्ड के जवान थे। शाम तक नए और जवान आने से परिचालकों की संख्या कुछ बढ़ गई, मगर पूरी नही हुई। ---बसें चली, यात्री नाम मात्र मिले, आधे से ज्यादा फेरे हुए मुफ्त सरकार और आंदोलनकारी कर्मचारियों के बीच टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। हड़ताली कर्मचारी देवी लाल पार्क में धरना दे रहें हैं, इधर विभागीय अधिकारियों ने बसें चलाकर दिखाने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया है। नए चालकों की भर्ती प्रक्रिया तो जिला मुख्यालय पर चल रही रही थी, मगर कई दिनों से बहादुरगढ़ में रोडवेज की एक या दो बस ही चल पा रही थी। मंगलवार को सुबह 12 चालकों को झज्जर से यहां भेज दिया गया। इसके बाद रोडवेज के महाप्रबंधक एमएस खर्ब 9 बजे बहादुरगढ़ पहुंच गए। उन्होंने सीधे ही निर्देश दे डाला कि भर्ती प्रक्रिया तो चलती रहेगी, फिलहाल जो चालक आ रहे हैं उनके लाइसेंस देखो और उन्हें सीधे बस देकर रूटों पर भेज दे। ताकि सड़को पर रोडवेज की बसें यात्रियों को उपलब्ध हों। इसके बाद तो यहां चालकों की लाइन लग गई। जिन अधिकारियों के भी कोई परिचित थे, उन्होंने सभी को बुला लिया। सभी का लाइसेंस देखा और सीधे ही बस सौंप दी। कुछ चालकों को तो इस तरह से महाप्रबंधक ने भेजा। घंटे भर बाद वे झज्जर चले गए। इसके स्थानीय अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को जारी रखा। इस तरह से दोपहर तक 32 और शाम तक कुल 42 बसें यहां से निकालकर झज्जर, रोहतक, बादली, खरखौदा, बेरी समेत विभिन्न रूटों पर भेजी गई। कई बसों के दो-दो ट्रिप लगवाए गए। इन 42 बसों में रोडवेज के चालक दो थे, बाकि सभी भर्ती के लिए तुरंत बुलाए गए ड्राइवर थे। खास बात यह रही कि दोपहर तक जो 32 बसें निकली थी, उनमें सिर्फ 16 पर ही परिचालक थे, जो होम गार्ड के जवान थे। बाकी बसें बिना परिचालक के ही भेज दी गई। इन सभी पर मुफ्त सेवा रही। शाम तक होमगार्ड के और जवान आ गए। इस तरह से कुल 42 में से 29 बसों के लिए परिचालक मिल गए। इनमें एक परिचालक रोडवेज का था। बाकी 28 होमगार्ड के जवान थे। हालांकि शाम तक ज्यादातर बसों को यात्री नही मिल पाए। हड़ताल को लेकर यात्री असमंजस में रहे। कुछ बसों में तो सिर्फ चालक ही नजर आए। उन्हें खाली देखकर यात्री हैरान थे। ऐसे में काफी परहेज भी करते रहे। यात्री इस असमंजस में थे कि आखिर यह हो क्या रहा है। ---बर्खास्त और शरारती तत्वों की सूची भेजी पूरे हरियाणा से 36 रोडवेज कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। वहीं 65 कर्मचारियों को शरारती तत्वों की सूची में डाला गया है। हालांकि बहादुरगढ़ से बर्खास्तों की सूची में कोई नही है, लेकिन शरारती तत्वों की सूची में यहां के पांच हड़ताली कर्मचारियों को रखा गया है। इनमें प्रवीन, मालिकराम, नरेंद्र, बलराज व सचिन शामिल हैं। आरोप है कि ये कर्मचारी काम पर तो लौट नही रहें है ऊपर से शरारत भी कर रहें हैं। कई नेताओं ने दिया समर्थन कई दिन से देवी लाल पार्क में सभा कर रहे रोडवेज के हड़ताली कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए कई नेता पहुंच रहें हैं। मंगलवार को भी समर्थन मिला। नेताओं ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की आवाज को इस तरह से दबाने की बजाय उनसे बातचीत करनी चाहिए थी। स्टैंड के अंदर से चली बसें, डीटीसी नहीं आई : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को असफल करने के लिए आरटीए की तरफ से रोडवेज के माध्यम से संचालन के लिए भेजी गई बसें लगातार चल रही हैं। रविवार को रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कुछ बसें नहीं पहुंची। उनका संचालन स्टैंड के अंदर से हो रहा है। इस बीच दिल्ली परिवहन निगम की बसें यहां पर मंगलवार को भी नही आई। रोडवेज की हड़ताल के चलते दिल्ली परिवहन निगम की बसें पहले दिन से ही बहादुरगढ़ तक नही आ रही हैं। ये दिल्ली सीमा से ही वापस लौट रही हैं। इससे भी यात्री परेशान हैं। ---40 लाख का हो चुका है नुकसान हड़ताल के चलते रोडवेज को अकेले बहादुरगढ़ में रोजाना पांच लाख का नुकसान हो रहा है। आठ दिनों के अंदर अब तक लगभग 40 लाख का नुकसान हो चुका है। हड़ताल तीन दिन और बढ़ चुकी है। ऐसे में यह नुकसान और बढ़ेगा। उधर, हालात पर नजर रखने के लिए पुलिस की कई टीमें बस स्टैंड पर लगातार तैनात हैं। --

रविवार को रोडवज की 42 बसें निकली। बारी-बारी से विभिन्न रूटों पर भेजी गई। बाकी सभी रूटों पर जरूरत के अनुसार हायर बसें भेजी गई।

--धर्मबीर ¨सह, डीआइ, बहादुरगढ़ सब डिपो

प्रदीप


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