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गुभाना में किसानों ने ली शपथ, पराली नहीं जलाएंगे

दैनिक जागरण की ओर से कृषि विभाग के सहयोग से गांव गुभाना में पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे अभियान के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 08:00 AM (IST)
गुभाना में किसानों ने ली शपथ, पराली नहीं जलाएंगे
गुभाना में किसानों ने ली शपथ, पराली नहीं जलाएंगे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : दैनिक जागरण की ओर से कृषि विभाग के सहयोग से गांव गुभाना में पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे अभियान के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विकास अधिकारी सतीश मेहरा ने की। कार्यक्रम में पहुंचे किसानों ने पराली नहीं जलाने का संकल्प लिया तथा साथ ही दूसरे किसानों को भी पराली न जलाने के लिए जागरूक करने की बात कही।

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बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में कृषि विकास अधिकारी डा. सतीश मेहरा, एटीएम जितेंद्र धनखड़ व सुपरवाइजर रोहित ने भाग लिया। डा. सतीश मेहरा ने कहा कि फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण तो होता ही है, साथ में मृदा में उपस्थित जैविक कार्बन, पोषक तत्वों व मित्र कीटों का भी ह्रंास होता है। उन्होंने किसानों को बताया कि पराली जलाना गैर कानूनी अपराध है। उन्होंने सभी किसानों को पराली न जलाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कृषि विभाग की ओर से पराली प्रबंधन को लेकर चलाई जा रही सब्सिडी की योजना की भी जानकारी दी। सतीश मेहरा ने बताया कि पराली इन दिनों आय का साधन बनी हुई है। पराली को बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है। बहादुरगढ़ के गांव रोहद, माजरा, बामनौली समेत कई अन्य गांवों में पराली की बिक्री होती है। यहां पर चारे में इसका प्रयोग होता है। नया गांव के पास स्थित प्लांट में पराली की खाद बनाई जाती है। ऐसे में किसान अपनी पराली को यहां पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। इस मौके पर किसान सतबीर सिंह, बाल कृष्ण, हंसराज, पवन कुमार व महिपाल आदि ने शपथ ली कि वे पराली नहीं जलाएंगे और दूसरे किसानों को भी पराली न जलाने के लिए प्रेरित करेंगे।


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