आंदोलन में शामिल महिलाओं की सुरक्षा में हर दो घंटे की शिफ्ट में पहरा दे रहे किसान
कृषि कानूनों को लेकर बहादुरगढ़ बाईपास से लेकर टीकरी बॉर्डर तक करीब 15 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर किसानों का जमावड़ा लगा हुआ है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
कृषि कानूनों को लेकर बहादुरगढ़ बाईपास से लेकर टीकरी बॉर्डर तक करीब 15 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर किसानों का जमावड़ा लगा हुआ है। यहां पर किसानों के साथ आंदोलन में पंजाब से भारी संख्या में महिलाएं भी आई हुई हैं। इन महिलाओं की सुरक्षा के लिए किसान पूरी तरह सजग हैं और उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल भी रखा जा रहा है।
आंदोलन में बच्चियों से लेकर युवती समेत हर उम्र की महिलाएं शामिल हैं। दिन में तो किसी तरह से यहां पर असुरक्षा का सवाल ही नहीं उठता। मगर रात के समय किसानों की ओर से महिलाओं व अपने सामान की सुरक्षा के लिए पहरा दिया जाता है। आंदोलन में शामिल युवा किसान हर दो-दो घंटे की शिफ्ट में पहरा देते हैं। पिंड वाइज लगाई युवाओं की ड्यूटी
किसानों ने सेक्टरों में हाईवे को विभाजित करके अपने-अपने क्षेत्र में पिड यानी गांव वाइज युवाओं की ड्यूटी लगा रखी है। ये ड्यूटी युवाओं के ही जिम्मे है। वे रात को दो-दो घंटे की शिफ्ट अनुसार पहरा देकर सो जाते हैं, फिर दूसरी टीम पहरा देती है। रात को पहरा देने वाले युवा दिन में सोकर अपनी नींद पूरी करते हैं। इसके साथ-साथ वे टीकरी बॉर्डर पर होने वाली सभा में भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं। यहां पर भी उनकी ड्यूटी सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर है। खुद कर सकती हैं अपनी सुरक्षा
महिला किसान मंजीत कौर, राजवीर कौर, महेंद्र कौर आदि ने बताया कि हम अपनी सुरक्षा खुद भी कर सकती हैं। मगर आंदोलन वाले पूरे क्षेत्र में किसी तरह से असुरक्षा का माहौल पैदा न हो इसीलिए तीन-तीन युवाओं की टीम दो-दो घंटे की शिफ्ट में पहरा देते हैं। उन्होंने बताया कि हर पिड से दो-दो ट्राली आई हुई हैं। रात को एक ट्राली में महिलाएं तो दूसरी ट्राली में पुरुष सोते हैं।