किसानों की दो टूक, कानून रद करो वरना दिल्ली करेंगे जाम, 8 को भारत बंद, पंजाब के खिलाड़ी भी लौटाएंगे अवार्ड
दो बार की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद शनिवार को फिर से सरकार के साथ होने वाली वार्ता से पहले किसानों ने कड़ा रुख अपना लिया है। शुक्रवार को मीटिग करके किसानों ने दो टूक फैसला लिया कि सरकार के सामने एक ही मांग रखी जाएगी कि कानून रद करो।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : दो बार की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद शनिवार को फिर से सरकार के साथ होने वाली वार्ता से पहले किसानों ने कड़ा रुख अपना लिया है। शुक्रवार को मीटिग करके किसानों ने दो टूक फैसला लिया कि सरकार के सामने एक ही मांग रखी जाएगी कि कानून रद करो। वरना दिल्ली को पूरी तरह जाम किया जाएगा और 8 दिसंबर को भारत बंद होगा। किसानों के इस फैसले को खापों ने भी पुरजोर समर्थन दिया है। शनिवार को सरकार और कारपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन भी होंगे। हल न निकला तो 7 दिसंबर को पंजाब के खिलाड़ी अपने अवार्ड वापस करेंगे।
शुक्रवार को टीकरी बॉर्डर पर 15 सदस्यीय कमेटी की बैठक में इन फैसलों पर चर्चा की गई। बाद में पूरे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे शीर्ष किसान नेताओं द्वारा लिए गए निर्णयों से सभी किसानों को अवगत भी करवाया गया। कमेटी सदस्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार को केंद्र सरकार व कॉर्पोरेट घरानों की अर्थी निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा। 7 दिसंबर को पंजाब के सभी अवार्डी खिलाड़ी अपने अवार्ड सरकार को लौटाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन से कुछ नहीं होगा। कानूनों को रद किए जाने की मांग पर किसान अडिग हैं। किसानों की ओर से आंदोलन को तेज करने के लिए शुक्रवार को टीकरी बॉर्डर पर 18 मेजों से मंच भी तैयार किया गया। इसी मंच से शुक्रवार को किसानों की मांगों को पूरी करने के लिए आंदोलन तेज करने का फैसला लिया गया। आंदोलन तेज करने की तैयारी
कृषि कानूनों के खिलाफ यहां के टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों के साथ ही अब खाप संगठन भी पूरे आक्रोश में हैं। किसानों ने आंदोलन तेज करने की तैयारी कर ली है। यहां पर शुक्रवार को मंच बनाया गया। इस बीच प्रदेश से कई खाप संगठन यहां पहुंचे। सभी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार जल्द ही मांग पूरी नहीं करती है तो दिल्ली के सभी रास्ते जाम कर दिए जाएंगे। अब सभी की निगाहें शनिवार को सरकार के साथ फिर से होने वाली वार्ता पर टिकी हुई हैं। आंदोलन को आठ दिन बीत चुके हैं। यहां पर दलाल खाप 84, समस्त देशवाल खाप, बिनैण खाप समेत तमाम संगठन पहुंच चुके हैं। कादियान खाप, छिल्लर-छिकारा, फौगाट खाप पहले ही पहुंची हुई है। सभी की तरफ से किसानों को मदद भी दी जा रही है। खाप संगठनों ने यहां पर डेरा डाला हुआ है। कई तंबू लगाए जा चुके हैं। किसानों के धरने पर रोजाना काफी लोगों द्वारा मदद की जा रही है। राशन, दूध, सब्जी पहुंच रही है।