अरे भाई हाम भी तो किसान सै, जाण दयो हामनै, तीन घंटे तुसी वेट करो, फिर चले जाणा
- चक्का जाम के दौरान कहीं पर हुई नोंक-झोंक तो कहीं पर बाइक सवारों ने दिखाई चपलता
- चक्का जाम के दौरान कहीं पर हुई नोंक-झोंक तो कहीं पर बाइक सवारों ने दिखाई चपलता
- किसानों के झंडे टांगकर आंदोलनकारियों को चकमा देकर निकले बाइक सवार
- कहीं पर महिलाएं ब<स्हृद्द-क्तञ्जस्>चों समेत फंसी रहीं, तो कहीं पर कार में बैठे पूरे परिवार ने किया तीन घंटे तक इंतजार फोटो-10,18, 19 व 20: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर बहादुरगढ़ बाईपास के नया गांव चौक को छोड़कर अन्य सभी चौक-चौराहों पर किसानों ने चक्का जाम किया। यहां के झज्जर रोड फ्लाईओवर के पास, बालौर रोड चौक, बेरी रोड चौक के अंडरब्रिज व कसार से लेकर जाखौदा चौक तक किसानों ने चक्का जाम किया। यहां पर एक लेन तो पहले ही किसानों ने बंद कर रखी है लेकिन शनिवार को 12 से तीन बजे तक दूसरी लेन भी पूरी तरह बंद कर दी। इस दौरान कहीं पर वाहन चालकों व किसानों के बीच नोक-झोंक देखी गई तो कहीं पर कुछ बाइक सवार चतुराई दिखाते हुए जाम से निकल गए। बाइकों पर किसान यूनियन के झंडे लगाकर चौक-चौराहों पर नारेबाजी की तो किसानों ने उन्हें आराम से जाने दिया। इस तरह कई बाइक सवार जाम से निकलते दिखाई दिए। वहीं कुछ लोग कहते रहे कि वे भी तो किसान ही हैं। काम से जा रहे हैं। उन्हें जाने दो। मगर किसानों ने साफ इन्कार करते हुए कहा कि तुसी तीन बजे के बाद चले जाणा। क्यों जल्दी करते हो। काफी मिन्नतें करने के बाद भी किसानों ने उन्हें नहीं जाने दिया। ऐसे में कहीं पर महिलाएं बच्चों समेत फंस रही तो किसी को परिवार समेत कार में ही तीन घंटे तक जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा। तीन बजे के बाद किसानों ने तुरंत जाम खोल दिया। ऐसे में कुछ ही देर में सभी मार्गाें पर यातायात बहाल हो गया। वैसे भी पहले ही सूचना होने की वजह से बहुत कम लोग ही घरों से बाहर निकले थे। हालांकि यहां पर एंबुलेंस, खाने-पाने व अन्य जरूरी सेवाओं वाले वाहनों को रास्ता दिया गया। पैदल लोग भी आसानी से कांटेदार लकड़ियों से होकर जाम से निकलते रहे। बेरी रोड पर वाहनों के आगे सड़क पर लेटा किसान, बोला मेरे ऊपर चढ़ाकर ले जाओ अपने वाहन, वरना करो तीन घंटे करो इंतजार:
बेरी रोड पर कांटेदार लकड़ियां व बैरिकेड होने के बाद काफी संख्या में वाहन चालक किसानों से मिन्नते करते रहे और वाहनों को स्टार्ट कर आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे। यहां पर किसानों ने काफी प्रयास किया, मगर वाहन चालक नहीं माने। ऐसे में एक किसान सड़क पर वाहनों के आगे लेट गया। किसान बोला कि उसके ऊपर से अपने वाहन चढ़ाकर ले जाओ वरना तीन घंटे तक इंतजार करो। ऐसे में अन्य किसानों में जोश भर गया। तब जाकर मामला शांत हुआ और वाहन चालक शांतिपूर्वक तीन बजे तक जाम खुलने का इंतजार करने लगे। चंद सेकंड की वजह से तीन घंटे जाम फंसा: राकेश
बेरी रोड पर जाम में फंसे गांव मांडौठी निवासी राकेश ने बताया कि वह बहादुरगढ़ से अपने गांव बाइक पर जा रहा था। उसे चक्का जाम की सूचना थी, मगर चंद सेकंड की देरी होने की वजह से बेरी रोड पर जाम में फंस गया। गांव से कुछ ही दूरी पर यहां से निकलने के लिए तीन घंटे का इंतजार किया। किसानों से मिन्नतें भी की लेकिन उन्होंने नहीं जाने दिया। बेरी जाने के लिए दिल्ली कैंट से निकला, जाम की नहीं थी सूचना, तीन घंटे उठानी पड़ी परेशानी: इमरान
गांव सुबाना निवासी इमरान ने बताया कि वह दिल्ली कैंट में काम करता है। उसे किसानों के चक्का जाम की सूचना नहीं थी। इसीलिए वह सुबह दिल्ली कैंट से बेरी जाने के लिए बाइक पर सवार होकर निकला था। बेरी रोड पर आराम से पहुंच गया मगर यहां पर किसानों की ओर से जाम लगाए जाने की वजह से अटक गया। यहां पर अब तीन घंटे इंतजार करना पड़ा, जिससे उसे परेशानी हुई।