46 गांवों के लिए भगीरथ बनेगा जल जीवन मिशन
सरकार का जल जीवन मिशन बहादुरगढ़ उपमंडल के 46 गांवों के लिए भगीरथ साबित होगा। इस मिशन के तहत इन गावों में एक भी घर ऐसा नहीं बचेगा जहां पीने का पानी न पहुंचे। प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी प्रतिदिन मुहैया कराना इस मिशन का लक्ष्य है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : सरकार का जल जीवन मिशन बहादुरगढ़ उपमंडल के 46 गांवों के लिए भगीरथ साबित होगा। इस मिशन के तहत इन गावों में एक भी घर ऐसा नहीं बचेगा, जहां पीने का पानी न पहुंचे। प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी प्रतिदिन मुहैया कराना इस मिशन का लक्ष्य है। पहले चरण में पांच गांवों में काम शुरू होगा। बाकी 41 गांव दूसरे चरण में एक साथ कवर होंगे।
जन स्वास्थ्य विभाग के बहादुरगढ़ डिविजन के अंतर्गत आने वाले 46 गांवों में वैसे तो लगभग सभी में सरकारी पेयजल वितरण की व्यवस्था है, मगर अभी काफी खामियां हैं। किसी मोहल्ले में लाइन नहीं है। कहीं आखिरी छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा। कहीं पर लेवल सही नहीं है। कहीं मुख्य नहर से वाटर वर्क्स तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता। इन सभी खामियों के चलते ही हर घर को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। अब सरकार के जल जीवन मिशन के तहत विभाग ने इन सभी खामियों को दूर करके पर्याप्त पानी पहुंचाने की कवायद शुरू की है। पहले चरण में बुझेगी पांच गांवों की प्यास
विभाग ने इस मिशन के तहत पांच गांवों को प्रथम चरण के लिए चुना हैं। इनमें हर घर तक पेयजल पहुंचाने में जो भी रुकावटें हैं उनको दूर करने के लिए अलग-अलग एस्टीमेट तैयार किए हैं। इनमें खेड़ी जसौर, बालौर, सिदीपुर, लोवा कलां व कबलाना गांव शामिल हैं। जहां पर भी कच्चे पानी की कमी है या फिर किसी घर में कनेक्शन नहीं हैं, उन सभी को निश्शुल्क कनेक्शन दिया जाएगा। मिशन का कार्य पूरा होने और पेयजल व्यवस्था दुरुस्त होने के बाद सामान्य श्रेणी के परिवारों से 40 रुपये प्रति कनेक्शन और अनुसूचित वर्ग से 20 रुपये प्रतिमाह शुल्क लिया जाएगा। 1.37 करोड़ से एक महीने में शुरू होगा काम
जिन पांच गावों के लिए एस्टीमेट बन चुका है। उनमें एक माह के अंदर काम शुरू होने की उम्मीद है। इनमें खेड़ी जसौर में 32 लाख, बालौर में 21 लाख, सिदीपुर में 17.48 लाख, लोवा कलां में 23.99 और कबलाना में 43.15 लाख रुपये खर्च होंगे। बाकी 41 गांवों में सर्वे चल रहा है। उनमें यह पता किया जा रहा है कि सभी घरों तक पर्याप्त पानी पहुंचने में क्या-क्या दिक्कतें हैं। उसके हिसाब से ही एस्टीमेट बनेगा। प्रत्येक गांव में कितने घर हैं, कुल कितनी आबादी है। रोजाना जिस दर से हर घर को पानी दिया जाना है, उसके लिए कितनी मात्रा में कच्चे पानी की जरूरत होगी। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही सुधार कार्य होंगे। इस मिशन के तहत सभी गांवों में सरकारी पेयजल वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। पहले पांच गांवों में काम होंगे। बाकी 41 गांवों में दूसरे चरण में खामियां दूर होंगी।
अनिल रोहिल्ला, एसडीओ, जन स्वास्थ्य विभाग।