गांवों में पेयजल संकट : कहीं व्यवस्था में खामी तो कहीं जलघरों तक नहीं पहुंच रहा पर्याप्त पानी, महिलाएं सिर पर ढो रही पीने का पानी
जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ भीषण गर्मी के बीच गांवों में पेयजल को लेकर दिक्कत आ रही है
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : भीषण गर्मी के बीच गांवों में पेयजल को लेकर दिक्कत आ रही है। पानी की कम आपूर्ति से वाटर टैंक ही सूख रहे हैं तो कहीं पर व्यवस्था में खामी के चलते घरों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा है। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसके लिए बिजली की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हालत यह है कि अनेक गांवों में लोग पीने का पानी सिर पर ढो रहे हैं। पहले तो शहर में भी यह दिक्कत थी, लेकिन माइनर का पुनर्निर्माण होने के बाद यहां पर पानी की किल्लत दूर हुई है। अब वितरण व्यवस्था बौनी हो रही है। दरअसल, शहर में तो जलघर पर पानी के फिल्ट्रेशन प्लांट पर रैपिड सिस्टम है, जबकि गांवों में बने जलघरों पर स्लो सैंड सिस्टम है। इस बार गर्मी ज्यादा है। ऐसे में पानी की डिमांड भी अधिक है, लेकिन नहरों-माइनरों से पानी की कम उपलब्धता से गांवों में पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा। कई गांवों में जलघरों के टैंक ही सूखे हैं। सांखौल गांव निवासी भगवान सिंह राठी ने बताया कि जलघर में बेहद कम पानी है। एक टैंक में तो बिल्कुल नहीं। गांव के सैकड़ों परिवार माइनर के पास से सिर पर पानी ढोते हैं। उधर, मांडौठी गांवों में घरों तक पानी कम पहुंच रहा है। इससे यहां के लोग परेशान हैं। मांडौठी निवासी नरेश कुमार ने बताया कि पेयजल वितरण व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। इसीलिए दिक्कत आ रही है। अन्य कई गांवों में भी यही स्थिति बनी हुई है। बिजली आपूर्ति पर निर्भर है पेयजल सप्लाई :
अधिकतर गांवों में पेयजल सप्लाई के लिए बूस्टिग स्टेशन बने हैं। ऐसे में वहां पर बिजली सप्लाई के समय ही पानी की सप्लाई होती है। जब बिजली कट लगता है, तो आपूर्ति ठप हो जाती है। इन दिनों वैसे ही बिजली सप्लाई का शेड्यूल गड़बड़ाया हुआ है। इससे दिक्कत आ रही है। जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ संदीप दुहन ने बताया कि सांखौल में तो जलघर की सफाई के दौरान दिक्कत आई थी, मगर अब सप्लाई दुरुस्त की गई है। जहां पर कच्चे पानी की उपलब्धता कम है, वहां पर घरों तक पानी पहुंचाने में विभाग भी असमर्थ है। बिजली कट लगता है तो इससे सप्लाई भी प्रभावित होती है। जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहीं पर कोई कमी नही है।