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जर्जर स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई का ख्वाब

सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाने की कवायद के बीच बहादुरगढ़ खंड के चार प्राथमिक स्कूलों का चयन किया गया है। हालांकि इनमें से दो के तो भवन ही जर्जर हैं। शेष दो की हालत भी ठीक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 06:42 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 06:42 AM (IST)
जर्जर स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई का ख्वाब
जर्जर स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई का ख्वाब

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाने की कवायद के बीच बहादुरगढ़ खंड के चार प्राथमिक स्कूलों का चयन किया गया है। हालांकि इनमें से दो के तो भवन ही जर्जर हैं। शेष दो की हालत भी ठीक नहीं है। वहां पर सुविधाओं की कहीं ज्यादा दरकार है। इस सत्र से तो यह व्यवस्था ही बनती नजर नहीं आ रही है। ऐसे में अगले सत्र से इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का संभावना बनेगी मगर उससे पहले तो स्कूल भी चाहिए होंगे और तमाम बुनियादी व्यवस्थाएं भी। इन स्कूलों का किया गया चयन

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वैसे तो बहादुरगढ़ खंड में 84 राजकीय प्राइमरी स्कूल हैं, मगर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए शहर में स्थित चार स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें लाइनपार के शंकर गार्डन, मेन बाजार, सेक्टर-6 और काठमंडी में स्थित प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। इनमें से मेन बाजार के स्कूल के भवन का कुछ हिस्सा पिछले दिनों ढह गया था। तब से यहां की कक्षाएं तबेला स्कूल में लगाई गई। अब तो मार्च से ही सब कुछ बंद है।

ऐसी ही हालत शंकर गार्डन स्कूल की भी हो चुकी है। काठ मंडी और सेक्टर-6 के स्कूलों की भी हालत ठीक नहीं। यहां पर स्कूल भवन की छत से मलबा झड़ता है। फर्श में गड्ढे पड़ चुके हैं। बैठने के लिए बैंच भी पर्याप्त नहीं। कहने का अर्थ है कि तमाम बुनियादी सुविधाएं जो हिदी माध्यम के लिए भी जरूरी हैं, वे भी नही हैं। ऐसे में नौनिहाल अब यहां अंग्रेजी का अक्षर ज्ञान सीखने का ख्वाब संजोए हैं। 500 रुपये दाखिला फीस और 200 रुपये महीना होगी फीस

इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की एवज में प्रत्येक विद्यार्थी की 500 रुपये दाखिला फीस और 200 रुपये महीना फीस होगी। यह राशि स्कूल के रखरखाव पर खर्च की जाएगी। इन स्कूलों में चुनिदा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्हें बाकायदा अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। हालांकि यह सत्र आधा तो बीत ही चुका है। अब तो इस बार की बजाय अगले सत्र से ही इन स्कूलों में यह व्यवस्था बनेगी। मैंने यहां पिछले सप्ताह ही ज्वाइन किया है। इस बारे में जानकारी नहीं ली है। स्कूलों की स्थिति के बारे में पता किया जाएगा। उसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

- निर्मल शर्मा, बीईओ, बहादुरगढ़


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