... द बर्निंग ट्रेन बनते-बनते बची धौलाधार एक्सप्रेस
पठानकोट से दिल्ली जा रही धौलाधार एक्सप्रेस बुधवार को 'द बर्निंग ट्रेन' बनने से बच गई। ट्रेन के इंजन में अचानक आग लग गई। गनीमत रही कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। पठानकोट से दिल्ली जा रही धौलाधार एक्सप्रेस बुधवार को 'द बर्निंग ट्रेन' बनने से बच गई। बहादुरगढ़ स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर पहले ट्रेन के इंजन में अचानक आग लग गई। समय रहते आग पर काबू पाया लिया गया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। जहां पर ट्रेन रुकी वहां पास में ही तेल और गैस के बड़े प्लांट भी हैंं। गनीमत यह रही कि इंजन में आग डीजल टैंक तक नहीं पहुंची। इससे विस्फोट भी हो सकता था।
दरअसल, बुधवार सुबह करीब सवा नौ बजे जब यह ट्रेन आसौदा और रोहद स्टेशन के बीच में पहुंची तब इंजन में धुआं नजर आने पर चालक ने इमरजेंसी सूचना दी। गाड़ी को तुरंत आसौदा स्टेशन पर रोका गया। इंजन के अंदर और गार्ड के पास मौजूद छह अग्निशमन यंत्रों का प्रयोग किया गया, मगर आग नहीं बुझी। इस पर दमकल विभाग को सूचित कर दिया गया। साथ ही एचपीसीएल के गैस प्लांट से भी मदद ली गई। तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
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यात्रियों में मची अफरा-तफरी
इंजन में आग की सूचना के बाद ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हर कोई सामान और बच्चों को लेकर ट्रेन से नीचे उतर आया। इस घटना से कई ट्रेेनें भी प्रभावित रही। लगभग दो घंटे तक धौलाधार एक्सप्रेस यहां खड़ी रही।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
इलेक्ट्रिकल पैनल में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। वहां से जब धुआं आगे इंजन में पहुंचा, तब इसका पता लगा। चालक तिलकराज ने बताया कि समय रहते आग का पता लगने से इसे काबू करने में आसानी हुई। ट्रेन स्टेशन के नजदीक न होती तो आग फैल सकती थी। उस स्थिति में आग बुझाना मुश्किल हो सकता था।
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दो घंटे बाद ट्रेन हुई रवाना
आग का पता लगने से लेकर उसे बुझाने और फिर क्षतिग्रस्त इंजन को अलग कर दूसरे इंजन को लाने में दो घंटे लगे। ऐसे में धौलाधार को यहां से दो घंटे बाद दिल्ली के लिए रवाना किया गया। यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन ही चलती है। डाउन में बुधवार, शुक्रवार व रविवार को दिल्ली जाती है।
इत्तफाक घटना की रिपोर्ट दर्ज
ट्रेन के इंजन में आग की सूचना के बाद आसौदा चौकी व बहादुरगढ़ के जीआरपी थाना से पुलिस टीमें पहुंची। बाद में जीआरपी ने चालक तिलकराज के ब्यान के आधार पर घटना को इत्तफाक मानते हुए रिपोर्ट दर्ज की। सहायक चालक राजेंद्र व गार्ड सीपी शर्मा से भी घटना के बारे में जानकारी ली।
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स्टेशन पर नहीं थे पुख्ता इंतजाम
आपातकाल में ट्रेन को आसौदा स्टेशन पर रोका गया था। मगर यहां पर आग बुझाने के इंतजाम ही नहीं थे। स्टेशन पर जो दो यंत्र थे, वे चले ही नहीं। पानी और दूसरी व्यवस्था भी यहां पर नही थी। दमकल गाडिय़ां पहुंचने से पहले यदि एचपीसीएल के प्लांट से मदद नहीं मिलती तो आग को बुझाना और भी मुश्किल होता।