आंदोलन के बीच जासूसी के शक में पकड़ा दिल्ली पुलिस कर्मी, मारपीट कर फोन छीना
आंदोलन के बीच किसानों को अब संदिग्ध लोगों के भीड़ में घुसने और किसी तरह का उपद्रव करने का भी शक है। साथ में जो लोग सरकार या पुलिस-प्रशासन के लिए गुपचुप तरीके से कुछ रिपोर्ट जुटा रहे होते हैं वे भी किसानों के निशाने पर हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : आंदोलन के बीच किसानों को अब संदिग्ध लोगों के भीड़ में घुसने और किसी तरह का उपद्रव करने का भी शक है। साथ में जो लोग सरकार या पुलिस-प्रशासन के लिए गुपचुप तरीके से कुछ रिपोर्ट जुटा रहे होते हैं, वे भी किसानों के निशाने पर हैं।
शुक्रवार को टीकरी बॉर्डर पर मोबाइल से वीडियो रिकार्डिंग कर रहे सिख पगड़ी धारी को ही काबू कर लिया गया। उसके साथ मारपीट की गई। मोबाइल फोन भी छीन लिया गया। किसानों का कहना था कि वह दिल्ली पुलिस के लिए जासूसी कर रहा था। बाद में उसे दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। बताया जा रहा है कि वह दिल्ली पुलिस का सिपाही है। हुड़दंग करते हुए पकड़े जा चुके हैं दो लोग
इससे पहले आंदोलनकारियों द्वारा दो लोगों को शराब पीकर धरनास्थल के पास से पकड़कर पुलिस के हवाले किया जा चुका है। इन दोनों के खिलाफ आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र चौकी पुलिस द्वारा केस दर्ज किए गए हैं। इनमें एक दिल्ली के बवाना का बिजेंद्र जबकि दूसरा औद्योगिक क्षेत्र में ही स्थित एक संस्थान का कुक बताया गया है। बैरिकेडिग के बीच पहरा दे रहे हैं किसान
टीकरी बॉर्डर पर एक तरफ दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिग है और दूसरी तरफ किसानों की। बीच में कुछ किसान दिन-रात यहां पर पहरा दे रहे हैं। कई दिनों से यहां से पैदल रास्ता भी बंद है। लोग साथ लगती कालोनी के प्लाट से निकल रहे हैं। किसानों का कहना है कि क्या पता कोई शरारती तत्व भीड़ के बीच घुसकर कोई हरकत कर दे या फिर पुलिस की तरफ पत्थर आदि फेंक दे। इसीलिए निगाह रखी जा रही है।