जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : लॉकडाउन के दौरान हुईं रजिस्ट्रियों की जांच अब सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने भी शुरू कर दी है। बहादुरगढ़ तहसील में लॉकडाउन के दौरान बड़े स्तर पर हुई अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियों को लेकर सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने सोमवार को तहसील कार्यालय में छापामार कार्रवाई की।
रोहतक से सीएम फ्लांइग स्क्वाड के उप निरीक्षक जयभगवान के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम ने दो घंटे तक तहसील अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की। सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की टीम ने तहसील से पांच बिदुओं पर जानकारी मांगी है। साथ ही 20 अप्रैल से लेकर 30 जून तक के बीच हुई रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड मांगा है। इस अवधि में नगर परिषद एरिया व उसके बाहर कितनी रजिस्ट्रियां हुई और कितनी रजिस्ट्रियों में डीटीपी व नगर परिषद प्रशासन से एनओसी ली गई, इसकी जानकारी भी सीएम स्क्वाड ने मांगी है। हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों का विनियमन की धारा 7क के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में हुई रजिस्ट्रियों को लेकर भी जानकारी मांगी गई है। झज्जर
टीम ने बहादुरगढ़ के साथ-साथ झज्जर तहसील और डीटीपी कार्यालय में भी रजिस्ट्रियों को लेकर पूछताछ की है। बहादुरगढ़ तहसील में इस दौरान 1366 और झज्जर तहसील में 998 रजिस्ट्रियां हुई हैं। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक जांच करने के बाद टीम झज्जर तहसील में चली गई। यहां से भी टीम ने रजिस्ट्रियों के संबंध में रिकार्ड तलब किया है। टीम ने डीटीपी कार्यालय में भी पूछताछ की है। झज्जर जिले में एक ही तहसीलदार के जिम्मे पांच तहसीलों का कार्यभार है। वहीं, बहादुरगढ़ तहसील में लॉकडाउन के दौरान रहे रजिस्ट्री क्लर्क का तबादला कर दिया गया है। सोमवार को दूसरे आरसी ने कार्यभार संभाल लिया है। बहादुरगढ़ तहसील में 20 अप्रैल से 30 जून तक हुई रजिस्ट्रियां का ब्यौरा
तारीख रजिस्ट्रियों की संख्या अधिकारी
24 अप्रैल से 30 अप्रैल 19 नायब तहसीलदार
1 मई से 8 मई 109 तहसीलदार
9 मई से 15 मई 86 नायब तहसीलदार
16 मई से 22 मई 191 तहसीलदार
23 मई से 29 मई 147 नायब तहसीलदार
1 जून से 8 जून 187 तहसीलदार
9 जून से 15 जून 204 नायब तहसीलदार
16 जून से 23 जून 235 तहसीलदार
24 जून से 30 जून 188 नायब तहसीलदार
कुल 1366 डीटीपी की जांच में मिलीं 18 रजिस्ट्रियां, जिनमें नहीं ली गई एनओसी
एसडीएम की ओर से की गई जांच में डीटीपी को भी सदस्य बनाया गया था। डीटीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट 16 जुलाई को डीसी को सौंप दी थी। रिपोर्ट में डीटीपी ने बताया कि बहादुरगढ़ के गांव नूना माजरा, सराय औरंगाबाद, जाखौदा, कसार व सांखोल की उन जमीनों की 18 रजिस्ट्री की गई हैं, जिनमें डीटीपी की एनओसी अनिवार्य थी। डीटीपी ने उपायुक्त से इन रजिस्ट्रियों को पंजीकृत करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ भविष्य में भी इन एरिया में बिना एनओसी के रजिस्ट्री न करने की अनुशंसा की है। उधर, नगर परिषद क्षेत्र में अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियों को लेकर अभी जांच अधूरी है। तहसीलदार ने लिखित में दिया, कोई भी गलत रजिस्ट्री नहीं की गई
सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की टीम के सदस्यों ने जब तहसीलदार से अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री किए जाने को लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ व झज्जर तहसील में कोई भी रजिस्ट्री गलत नहीं की गई है। जो रजिस्ट्रियां की गई हैं उनमें एनओसी की जरूरत नहीं थी। दैनिक जागरण ने पांच जून को ही कर दिया था अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियां होने का खुलासा
लॉकडाउन के दौरान मई में अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियां किए जाने का मामला सामने आया था। दैनिक जागरण ने पांच जून को ही एक माह में बड़ी संख्या में कर दीं अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियां नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित करके इस मामले का खुलासा किया था। जिस पर डीसी ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए थे। उस समय एक माह के दौरान हुई 700 रजिस्ट्रियों का रिकार्ड कब्जे में लेकर एसडीएम ने जांच शुरू की थी। यह जांच अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है।
हमने बहादुरगढ़ व झज्जर तहसील में जांच की है। चार-पांच बिदुओं पर जानकारी मांगी है। रिकार्ड भी मांगा गया है, जिसे एक-दो दिन में हासिल कर लिया जाएगा। डीटीपी कार्यालय से भी इस संबंध में पूछताछ की है। पूरा रिकार्ड आने के बाद ही इस मामले में अधिकारियों के आदेश पर आगे की जांच शुरू की जाएगी।
जयभगवान, उपनिरीक्षक, सीएम फ्लाइंग स्क्वाड, बहादुरगढ़।
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