आयुष की प्रमाणित पद्धति शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर: डा. राठी
आयुष मंत्रालय कोविड संक्रमण से नागरिकों को बचाने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने को निरंतर प्रयासरत है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
आयुष मंत्रालय कोविड संक्रमण से नागरिकों को बचाने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने को निरंतर प्रयासरत है। जिला आयुष अधिकारी डा. दलबीर राठी ने बताया कि आयुष चिकित्सा पद्धति सदियों पुरानी प्रामाणिक है और कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम में काफी कारगर सिद्ध हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका शरीर में इस पद्धति से कोई साइड इफेक्ट नहीं है और कोरोना जैसी जानलेवा वायरल बीमारियों से बचाव के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है।
जिला आयुष अधिकारी डा. दलबीर राठी ने बताया कि विभाग द्वारा डॉक्टरों और फार्मासिस्टों की टीमें बनाई गई हैं। विभागीय टीमें कंटेनमेंट जोन में नागरिकों और होम आइसोलेट मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष किट वितरित कर रही हैं तथा महामारी से बचाव के बारे में जागरूकता का कार्य भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेट मरीजों को आयुष क्वाथ, संशमनी बटी, आयुष-64, तालिशादी चूर्ण आदि औषधियां दी जा रही हैं। होम्योपैथी औषधि एरसेनिक एलबम-30 भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है। इसका भी निश्शुल्क वितरण किया जा रहा है।
घर में भी बना सकते हैं आयुष क्वाथ:
डा. दलबीर राठी ने बताया कि लॉकडाउन में आयुष क्वाथ घर में भी आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए तुलसी के पते 100 ग्राम, दालचीनी चूर्ण 50 ग्राम, सोंठ चूर्ण 50 ग्राम, काली मिर्च 25 ग्राम का मिश्रण बना लें। मिश्रण का एक ग्राम, एक कप- प्रति व्यक्ति के हिसाब से गर्म पानी में डालें। गर्म पानी में डालने के बाद इससे साफ कपड़े या छलनी से छानकर इसमें नींबू का रस स्वाद अनुसार मिलाकर दिन में एक या दो बार ले सकते हैं। इसमें आवश्यकतानुसार सेंधा नमक, खांड, बूरा या गुड़ का उपयोग भी किया जा सकता है। योग व प्राणायाम से करें श्वसन तंत्र को मजबूत
जिला आयुष अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी श्वसन तंत्र को कमजोर करते हुए फेफड़ों में पहुंच रही है। इसलिए नियमित योग अभ्यास और व्यायाम से श्वसन तंत्र को भी मजबूत करने की जरूरत है। विभाग के योग विशेषज्ञ द्वारा होम आइसोलेट मरीजों व आमजन को श्वसन तंत्र मजबूत करने और मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक योगासन व प्राणायाम आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।