टांडाहेड़ी के पास खेड़का मुसलमान के रकबे के रिकार्ड में हेराफेरी कर फर्जी तरीके से किया दो एकड़ से ज्यादा जमीन का बैयनामा
जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव टांडाहेड़ी में बेचिराग गांव खेड़का मुसलमान क
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : क्षेत्र के गांव टांडाहेड़ी में बेचिराग गांव खेड़का मुसलमान के रकबे में दो एकड़ से ज्यादा कस्टोडियन की जमीन का रिकार्ड में हेरीफेरी करके फर्जी तरीके से बैयनामा करने का मामला सामने आया है। वर्ष 2001 में यह बैयनामा पंजीकृत हुआ है और 20 साल बाद इसका इंतकाल दर्ज हुआ है। सेक्टर छह निवासी सुरेश जून की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में बैयनामा पंजीकृत करने व इंतकाल दर्ज करने वाले तत्कालीन तहसील अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 27 जून 2021 को झज्जर में कस्टोडियन के रिकार्ड में हुई आगजनी की घटना भी इस भूमि घोटाले को दबाने के लिए किए जाने का आरोप है। इस जमीन के काश्तकार सेक्टर छह निवासी सुरेश जून ने बताया कि खेड़का मुसलमान की 16 कनाल 8 मरले भूमि रिकार्ड अनुसार गैर मुमकिन भूमि दर्शाई गई है, जिसको वह 50 साल से काश्त करते आ रहे हैं। उन्हें पता चला है कि इस भूमि का बैयनामा नंबर 6350 दिनांक 23 मार्च 2001 को सब रजिस्ट्रार बहादुरगढ़ के कार्यालय में पंजीकृत हो रखा है। इस बैयनामा के आधार पर 20 साल बाद इंतकाल दर्ज हुआ है। कस्टोडियन के झज्जर स्थित कार्यालय में जांच की गई तो पता चला कि इस बैयनामा में दर्शाई गई जमीन की नीलामी उनके द्वारा नहीं की गई है। ना ही नीलामी राशि दो लाख 27 हजार 500 रुपये कभी कस्टोडियन में जमा हुई है। बैयनामा नंबर 6350, 23 मार्च 2001 में टांडाहेड़ी निवासी पूर्ण पुत्र भरत सिंह के हक में हुआ है।पूर्ण किसी भी तरह से विस्थापित व्यक्ति की श्रेणी में नहीं आता। पूर्ण को विस्थापित व्यक्ति दर्शाकर उसके हक में फर्जी नीलामी दिखाकर बैयनामा पंजीकृत हुआ है। सुरेश की शिकायत पर इस मामले में पूर्ण, राकेश वकील, दीपक व सन्नी के खिलाफ धोखाधड़ी व षडयंत्र की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।