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वन विभाग की नर्सरी के पास फिर टूटी माइनर, हजारों पौधों को पहुंचा नुकसान

वन विभाग की ओर से पानी निकाला जा रहा है। उधर सिचाई विभाग की ओर से माइनर को ठीक कर दिया गया लेकिन हर साल इस तरह की घटना के चलते नर्सरी में पौधों को नुकसान पहुंचता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 06:55 PM (IST)
वन विभाग की नर्सरी के पास फिर टूटी माइनर, हजारों पौधों को पहुंचा नुकसान
वन विभाग की नर्सरी के पास फिर टूटी माइनर, हजारों पौधों को पहुंचा नुकसान

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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सांखौल के पास रोहतक रोड पर स्थित वन विभाग की नर्सरी के पास पेयजल माइनर टूटने से हजारों पौधे एक बार फिर से खराब हो गए। वन विभाग की ओर से पानी निकाला जा रहा है। उधर, सिचाई विभाग की ओर से माइनर को ठीक कर दिया गया, लेकिन हर साल इस तरह की घटना के चलते नर्सरी में पौधों को नुकसान पहुंचता है। दरअसल, शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाली माइनर की हालत बेहद खस्ता है। ऐसे में कभी देवीलाल पार्क में, कभी नर्सरी में तो कभी किसी और जगह से यह माइनर टूट जाती है। अब नौबत यह है कि नर्सरी के पास से तो पिछले तीन-चार साल से हर बार यह माइनर टूटती है। अब एक बार फिर से यह माइनर टूटने के कारण हजारों पौधों को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही पीने का पानी भी काफी मात्रा में बर्बाद हो गया। फिलहाल शहर में जलसंकट तो नहीं है, लेकिन बार-बार माइनर के टूटने से दूसरा नुकसान जरूर हो रहा है। ऊपर से सिचाई विभाग को भी माइनर ठीक करने में ऊर्जा लगानी पड़ती है। एसडीओ बोले, बारिश के कारण टूट गई थी माइनर :

सिचाई विभाग के एसडीओ विनोद कुमार ने बताया कि माइनर की हालत कमजोर है, यह तो सभी को पता है। इसके बैंक कच्चे हैं। दो दिन पहले हुई भारी बरसात के कारण माइनर में दरार आ गई थी और उसी के चलते यह टूट गई। इसको ठीक करवा दिया गया है। इस माइनर की सीसी लाइनिग का जो काम होना है, वह हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से पैसे न मिलने के कारण शुरू नहीं हो सका है। जन स्वास्थ्य विभाग ने तो अपने हिस्से के पैसे जमा करवा दिए हैं, लेकिन प्राधिकरण की तरफ से पैसे जमा न होने के कारण ही सीसी लाइनिग के काम में देरी हो रही है। उधर, वन विभाग के रेंज अधिकारी श्रीभगवान ने बताया कि माइनर टूटने से नर्सरी में भारी मात्रा में पानी भर गया था। इसको निकाला गया है। इतने पानी में छोटे पौधों को तो नुकसान पहुंचता ही है।


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