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बहादुरगढ़ की मंडियों में खरीद रुकने के बाद भी उठान में नहीं आई तेजी, 19 को बढ़ेगी आवक

यहां पर खरीद रुकने के बाद भी उठान में उतनी तेजी नहीं आई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 06:10 AM (IST)
बहादुरगढ़ की मंडियों में खरीद रुकने के बाद भी उठान में नहीं आई तेजी, 19 को बढ़ेगी आवक
बहादुरगढ़ की मंडियों में खरीद रुकने के बाद भी उठान में नहीं आई तेजी, 19 को बढ़ेगी आवक

यहां पर खरीद रुकने के बाद भी उठान में उतनी तेजी नहीं आई।

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संपादित... फोटो-01 जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

मंडियों में गेहूं की खरीद को रोककर दो दिनों तक सिर्फ उठान कार्य जारी है। शुक्रवार को मौसम बिगड़ने के बाद शनिवार को उठान तो शुरू किया, लेकिन बहादुरगढ़ की मंडी में हालात ज्यादा नहीं सुधरे। यहां पर खरीद रुकने के बाद भी उठान में उतनी तेजी नहीं आई। रविवार को भी उठान कार्य ही होना है। ऐसे में सोमवार को आवक बढ़ सकती है। इन दो दिनों में रुका हुआ गेहूं एक साथ सोमवार को मंडियों में पहुंचेगा तो खरीद प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है। दरसअल, बहादुरगढ़ की मंडियों में खरीद प्रक्रिया को लेकर तो किसान और आढ़ती परेशान नहीं हुए हैं, मगर उठान कार्य में देरी ने शुरू से ही यहां पर मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। शहर की मंडी हो या फिर आसौदा का खरीद केंद्र, दोनों जगहों पर एक जैसे ही हालात हैं। 67 हजार क्विंटल से अधिक खरीद, उठान आधा भी नहीं :

शुक्रवार तक बहादुरगढ़ और असौदा को मिलाकर 67 हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं की खरीद हुई थी। मगर उठान लगभग 25 हजार क्विंटल हुआ है। यह कुल खरीद का आधा भी नहीं है। शनिवार को हालात यह रहे कि शहर की मंडी में दोपहर तक तो उठान के लिए एक-दो गाड़ी ही पहुंची थी। आढ़तियों का कहना है संबंधित ठेकेदार की मनमानी और खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही उठान में देरी हो रही है। खरीद एजेंसी अधिकारी जानबूझकर कागजी प्रक्रिया में देरी करते हैं। इससे ठेकेदार को भी उठान में देरी करने का समय मिल जाता है। हर बार उठान को लेकर दिक्कत आती है। फिर भी सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जाती। आढ़तियों के मुताबिक सरकार की ओर से उठान में तेजी लाने के लिए खरीद को तो रोका गया है, मगर बहादुरगढ़ की मंडी में खरीद की वजह से उठान कार्य प्रभावित नहीं होता। यहां पर तो अगर ठेकेदार की ओर से उठान के लिए गाड़ी भेजी जाती है तो आढ़तियों द्वारा तुलाई बंद करके पहले गाड़ी में बैग लोड करवाए जाते हैं। मगर दिक्कत यह है कि उठान के लिए गाड़ी ही नहीं आती। अगर आती भी है तो वे छोटी गाड़ियां होती हैं। उससे उठान ज्यादा नहीं हो पा रहा है। उधर, हरियाणा वेयर हाउस कारपोरेशन की स्थानीय प्रबंधक रमन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पत्र लिखा है। ठेकेदार को उठान में तेजी लाने के लिए कहा है।


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