इसी साल शुरू होगा उत्तरी बाईपास का काम, दो चरणों में होगा पूरा
-ड्रेन के दोनों किनारों पर नौ-नौ मीटर चौड़ी होंगी सड़कें 15 मीटर चौड़ी रहेगी ड्रेन
-ड्रेन के दोनों किनारों पर नौ-नौ मीटर चौड़ी होंगी सड़कें, 15 मीटर चौड़ी रहेगी ड्रेन उम्मीदें - 2021: फोटो-22: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
शहर का उत्तरी बाईपास इसी साल जमीन पर आ जाएगा। लोक निर्माण विभाग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सिचाई विभाग से भी हरी झंडी मिल चुकी है। विभाग ने अपने हिस्से के कार्य की बजट राशि के लिए पत्र लिख दिया है। दोनों चरणों की राशि पहले ही स्वीकृत हो चुकी है। यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री की घोषणा में है। कई साल से फाइलों में घूम रहे इस प्रोजेक्ट का वर्ष 2021 में काम शुरू होने की उम्मीद है।
चरण-1 में आसौदा से लेकर नाहरा-नाहरी रोड तक तथा चरण-2 में नाहरा-नाहरी रोड से मुंगेशपुर ड्रेन पर सेक्टर 9 बाईपास चौक तक यह उत्तरी बाईपास बनेगा। चरण-2 के लिए सरकार ने 124.33 करोड़ की स्वीकृति की थी। दो चरण में ड्रेन किनारे बनने वाले इस बाईपास का डिजाइन भी बदला गया। चरण -1 का पूरा एस्टीमेट भी नए सिरे से बनाना पड़ा। पहले ड्रेन में दोनों किनारे सीसी लाइनिग से पक्के किए जाने थे लेकिन उनके स्थान पर सीसी की रिटेनिग वॉल बनाई जानी है। 15 मीटर चौड़ी ड्रेन को बीच से कच्चा ही छोड़ा जाएगा। सीएम के आदेश पर साढ़े पांच मीटर की बजाय दोनों तरफ सड़कें नौ मीटर चौड़ी होंगी। सड़कों का काम लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) विभाग की ओर से किया जाएगा। ड्रेन की रिटेनिग वाल समेत अन्य कार्य सिचाई विभाग की ओर से किया जाएगा। आसौदा से लेकर वाया नाहरा-नाहरी रोड होते हुए सेक्टर 9 बाईपास चौक तक बनने वाला यह बाईपास वेस्ट जुआं ड्रेन व मुंगेशपुर ड्रेन के दोनों तरफ किनारों पर बनाया जाएगा। दोनों ही ड्रेन 120 फीट से लेकर 160 फीट तक चौड़ी हैं। आसौदा से लेकर नाहरा-नाहरी रोड तक करीब 9 किलोमीटर तथा नाहरा-नाहरी रोड से सेक्टर 9 बाईपास चौक तक चरण-2 में बनने वाले बाइपास की लंबाई ढाई किलोमीटर होगी। आरओबी भी बनेगा:
नौ किलोमीटर लंबे चरण-1 के बाईपास की लागत करीब 58 करोड़ रुपये है। पहले केवल इतना ही निर्माण होना था, मगर बाद में मुख्यमंत्री ने 185 करोड़ रुपये की ग्रांट देने की भी घोषणा कर दी थी। ऐसे में इस बाईपास को दो चरण में बनाने का निर्णय लिया गया। नाहरा-नाहरी रोड से सेक्टर 9 बाईपास चौक के बीच मुंगेशपुर ड्रेन को रेलवे लाइन एक जगह क्रास करती है। ऐसे में यहां पर आरओबी बनेगा। इसका डिजाइन तैयार किया गया। इसी वजह से चरण-2 की लागत दोगुना हो गई। वाहनों को मिलेगा नया रास्ता:
इस बाईपास के बनने से शहर में जाम की स्थिति से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। सोनीपत, पानीपत, उप्र के मेरठ होते हुए बिहार की तरफ जाने के लिए वाहन खासकर बड़े ट्रकों को शहर के अंदर से होकर गुजरना पड़ता है। शहर की फैक्ट्रियों में आने जाने वाले बड़े ट्रकों की वजह से शहर में हर वक्त जाम लगा रहता है। इन वाहनों को शहर में नहीं आना पड़ेगा और बाहर से ही बाईपास पर पहुंच जाएंगे। वर्जन..
उत्तरी बाईपास को अब दो चरणों में बनाया जाएगा। चरण एक का रिवाइज एस्टीमेट बनाया गया। फिलहाल सिचाई विभाग की ओर से इसके लिए कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
--केएस पठानिया, कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग।